तुर्की के बाद अब इस पड़ोसी को भारत ने संकट से बचाया,

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तुर्की के बाद अब इस पड़ोसी को भारत ने संकट से बचाया, समुद्री जहाज में डूब रहे थे 9 लोग
भारत दुनिया भर में संकटों का सबसे बड़ा साथी बन गया है। मानवता की मदद के लिए अपनी त्वरित कार्रवाइयों के चलते देश की साख विश्व स्तर पर बढ़ रही है। हाल ही में तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप में तात्कालिक मदद करके भारत पूरी दुनिया का दिल जीत लिया।
भारत दुनिया भर में संकटों का सबसे बड़ा साथी बन गया है। मानवता की मदद के लिए अपनी त्वरित कार्रवाइयों के चलते देश की साख विश्व स्तर पर बढ़ रही है। हाल ही में तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप में तात्कालिक मदद करके भारत पूरी दुनिया का दिल जीत लिया। अब एक बार फिर अपने पड़ोसी की मदद करके हिंदुस्तान ने मानवता की बड़ी अलख जगाई है। यह पड़ोसी कोई और नहीं, बल्कि बांग्लादेश है। बताया जा रहा है कि बांग्लादेश का एक मालवाहक पोत हुगली नदी में अचानक डूब गया। उसमें चालक दल के 9 सदस्यों की जान मुश्किल में आ गई, मगर इसकी जानकारी होते ही भारतीय सुरक्षा दलों ने मौके पर पहुंचकर उनकी जान बचा ली। इसके बाद उन सबको स्वदेश भेजे जाने की कार्रवाई शुरू कर दी।
फ्लाई ऐश लेकर स्वदेश लौट रहा बांग्लादेश का मालवाहक पोत एक दूसरे पोत से टकराने के बाद हुगली नदी में डूब गया। भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) के एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि घटना कोलकाता से करीब 60 किलोमीटर दूर दक्षिण 24 परगना जिले के निश्चिंतपुर में शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात हुई। अधिकारी ने बताया कि सूचना मिलने पर मौके पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के पहुंचने के बाद पोत पर सवार चालक दल के नौ सदस्यों को बचाया गया।डूबे जहाज को बचाने का भी प्रयास तेज
पुलिस ने बताया कि बाद में चालक दल के सदस्यों को पुलिस थाने लाया गया। पोत के प्रतिनिधि ने बताया कि पोत का एक हिस्सा डूब गया था और पानी तेजी से इंजन कक्ष में भर रहा था। उन्होंने कहा कि पोत को अब भी बचाया जा सकता है। आईडब्ल्यूएआई के अधिकारी ने बताया कि कोलकाता बंदरगाह पर पोतों की आवाजाही इस हादसे से प्रभावित नहीं हुई है क्योंकि दुर्घटनाग्रस्त मालवाहक पोत उस समय नौकायन मार्ग पर नहीं था। उन्होंने बताया कि निरीक्षण टीम मौके पर गई है और विस्तृत रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। अधिकारी के मुताबिक बचाए गए नाविकों को उनके देश भेजने के लिए बातचीत चल रही है।

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