पुरुषों से ज्यादा महिलाओं में कमर दर्द क्यों होता है? जानें 4 कारण और कुछ घरेलू उपचार

121
Share

पुरुषों से ज्यादा महिलाओं में कमर दर्द क्यों होता है? जानें 4 कारण और कुछ घरेलू उपचार
महिलाओं में कमर दर्द के कारण: महिलाओं में कमर दर्द उनकी सेहत, उम्र और लाइफस्टाइल से जुड़ा हो सकता है। आइए, जानते हैं इसका कारण और उपचार।
महिलाओं में कमर दर्द के कारण: पुरुषों की तुलना महिलाओं का शरीर थोड़ा ज्यादा सेंसिटिव है। साथ ही उनका रिप्रोडेक्टिव हेल्थ जो कि हर महीने बदलता रहता है, इसका उनकी पूरी सेहत पर ज्यादा असर पड़ता है। लेकिन, अगर बात कमर दर्द की करें तो इसके कई कारण हो सकते हैं जिसमें से पहला है हाई हील्स पहनना। इसके अलावा रीढ़ की हड्डी पर बढ़ता प्रेशर और ब्लैडर से जुड़ी चीजें भी महिलाओं में कमर दर्द का कारण (causes of back pain in female) बनता है। तो, आइए जानते हैं इसे बारे में विस्तार से और फिर जानेंगे कुछ घरेलू उपचार।
महिलाओं में कमर दर्द के कारण-
1. बिगड़ी लाइफस्टाइल-
जब आप काम के लिए लंबे समय तक बैठे रहते हैं या आपको हिलने-डुलने में आलस आता है, तो आपको कमर दर्द, अकड़न या बेचैनी हो सकती है। होता ये है कि जब आप लंबे समय तक बैठते हैं, तो एक्टिविटी की कमी के कारण आपकी पीठ की मांसपेशियां बंद हो सकती हैं और आपको दर्द महसूस हो सकता है।
ना थोड़ी ना ज़्यादा! शराब हर लिहाज में है नुकसानदेह, बाबा रामदेव से जानें इस आदत से कैसे पीछा छुड़ाएं
2. प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम-
कई महिलाओं को पीरियड्स से पहले पीठ के निचले हिस्से में दर्द, पेट में दर्द, सिरदर्द, मिजाज में बदलाव आदि लक्षण महसूस होते हैं। असल में ये स्थिति प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (पीएमएस) कहलाता है।
3. पोस्चर खराब होना-W
लंबे समय तक स्क्रीन का समय आपके कुल्हों और बैक की मांसपेशियों को प्रभावित कर सकता है और पीठ दर्द का कारण बन सकता है। इसके अलावा आपके खड़े होने या चलने के गलत स्टाइल की वजह से भी हो सकता है। इससे मांसपेशियों और लिगामेंट्स पर दबाव पड़ता है, जिससे कमर दर्द होता है।
4. एंडोमेट्रियोसिस
एंडोमेट्रियोसिस एक स्त्री रोग संबंधी समस्या है जो गर्भाशय के ऊतकों को गर्भ के बाहर बढ़ने का कारण बनती है। इस स्थिति में, पुराना पीठ दर्द होता है जो आमतौर पर पीरियड्स के दौरान बढ़ जाता है।
महिलाओं में कमर दर्द के घरेलू उपचार-
महिलाओं में कमर दर्द के लिए कई घरेलू उपचार हैं जिसमें कि गर्म पानी की सिकाई, तिल के तेल की मालिश, डाइट में कैल्शियम और विटामिन सी की मात्रा बढ़ना और हाई हील्स का कम इस्तेमाल शामिल है।

LEAVE A REPLY