वाराणसी घोसी से बसपा सांसद अतुल राय को एमपी-एमएलए सियाराम चौरसिया की कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। साक्ष्यों के अभाव में संदेह का लाभ देते हुए कोर्ट ने उन्हें दुष्कर्म और धोखाधड़ी के आरोप से बरी कर दिया है। अभियोजन पक्ष ने इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाने की बात कही है। मुकदमे में सुनवाई के बाद शनिवार को वाराणसी कचहरी में अतुल राय समर्थकों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी।
पिछले ढाई साल से अतुल राय प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल में बंद हैं। वहीं, पिछले साल अगस्त में दुष्कर्म पीड़िता और गवाह साथी ने सुप्रीम कोर्ट के बाहर आत्मदाह किया था। घटना से पूरे देश में आक्रोश था। इस पूरे प्रकरण की जांच में लापरवाही के आरोप में एक डिप्टी एसपी को गिरफ्तार किया गया था और आईपीएस अमित पाठक को मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया था।
मुख्तार अंसारी के गुर्गे की साजिश पर हुआ था मुकदमा
अतुल राय के अधिवक्ता अनुज यादव ने कहा कि न्यायिक व्यवस्था में कोई कमी नहीं है। जिन लोगों ने फर्जी मुकदमे में फंसाया था उन पर सख्त कदम उठाया जाएगा। अतुल राय का राजनीतिक करियर बर्बाद करने के लिए युवती ने मुख्तार अंसारी के गुर्गे की साजिश पर मुकदमा दर्ज कराया था।