रक्षा-सुरक्षा: अगले सीडीएस की नियुक्ति पर मंथन, सेवारत के साथ सेवानिवृत्त अधिकारियों के नाम पर भी हो सकती है चर्चा

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नए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) की नियुक्ति के लिए केंद्र सरकार सेवारत और सेवानिवृत्त, दोनों तरह के सैन्य अधिकारियों के नाम पर विचार कर सकती है। यह पद पिछले साल आठ दिसंबर को देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत की एक हवाई हादसे में मौत हो जाने के बाद से खाली है। सरकार अगले सीडीएस के नाम पर मंथन कर रही है। समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि सरकार अगले सेना प्रमुख की नियुक्ति का एलान भी आने वाले सप्ताह में कर सकती है। सूत्रों ने बताया कि इस पद के लिए नाम पर फैसला ले लिया गया है। इस पैनल में थ्री स्टार और फोर स्टार रैंक के अधिकारियों को शामिल किए जाने की उम्मीद जताई जा रही है। साल 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र में भाजपा की फिर से सरकार बनने के छह महीने के अंदर नए सीडीएस की नियुक्ति के फैसले को देश के सर्वोच्च सैन्य ढांचे में सबसे बड़ा सुधार बताया गया है। देश की तीनों सेनाओं में समन्वय के लिए पहले सीडीएस के तौर पर जनरल रावत को नियुक्त किया गया था।
सीडीएस की नियुक्ति सैन्य मामलों के विभाग के सचिव के तौर पर की गई थी, जो वर्तमान में अतिरिक्त सचिव रैंक के तहत काम करता है। सीडीएस एकीकृत डिफेंस स्टाफ का अध्यक्ष भी होता है जो फिलहाल भारतीय वायु सेना के थ्री स्टार अधिकारी के जिम्मे है। सरकार ने सीडीएस को रक्षा कार्यक्रमों में मेक इन इंडिया का प्रभारी भी बनाया है। पिछले साल आठ दिसंबर को तमिलनाडु में खराब मौसम के चलते वायु सेना का एमआई-17 हेलिकॉप्टर हादसे का शिकार हो गया था। इस हेलिकॉप्टर में सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधूलिका रावत समेत कुल 14 लोग सवार थे। नीलगिरि और तमिलनाडु के बीच कुन्नूर के जंगल में हुई इस दुर्घटना में हेलिकॉप्टर में सवार सभी लोगों की जान चली गई थी।

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