आरक्षण के विरोध में आयोजित जनसभा में आपत्तिजनक टिप्पणी से फूटा आक्रोश

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बागेश्वर। उत्तराखंड एसएस एसटी इंप्लाइज फेडरेशन ने पदोन्नति में आरक्षण के विरोध में देहरादून परेड ग्राउंड में हुई जनसभा के दौरान कर्मचारी द्वारा की गई आपत्तिजनक टिप्पणी का विरोध किया है। उन्होंने ऐसे कर्मचारी पर आचरण नियमावली के तहत कठोर कार्रवाई करने की मांग की है। ताकि किसी की भी भावनाएं आहत ना हों। उन्होंने तीन दिन में कार्रवाई का अल्टीमेटम दिया है।
फेडरेशन की बैठक के दौरान परेड ग्राउंड में आयोजित जनसभा में जनरल ओबीसी एसोसिएशन अध्यक्ष द्वारा जिस प्रकार की भाषा का प्रयोग किया गया है। वह लोकतांत्रिक नहीं है। यह भड़काऊ भाषण है। जिस पर कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए। ताकि आगे से कोई भी इस तरह की भाषा का प्रयोग ना कर सके। आरक्षित वर्ग के प्रति बड़े संगठन के नेता और सरकारी कर्मचारी की इस तरह भाषा शोभनीय नहीं है। इससे एससी एसटी वर्ग के कर्मियों को मानसिक आघात लगा है। उन्होंने इस शर्मनाक कृत्य पर शासन-प्रशासन पर कर्मचारी आचरण नियमावली के तहत कार्रवाई की मांग की है।
डीएम रंजना को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि अगर तीन दिन के अंदर उचित कार्रवाई नहीं की जाती तो आगे आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी। इसलिए ऐसे व्यक्तियों पर सख्त कार्रवाई हो। इस मौके पर संजय कुमार टम्टा, हरिप्रसाद, विवेकानंद टम्टा, संतोष कुमार, नंद किशोर टम्टा, राजेंद्र प्रसाद, महावीर गढिया, नवीन आगरी, गोकुल चंद्र, योगेश टम्टा सहित कई कर्मी मौजूद थे।

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