कांग्रेस की युवा ब्रिगेड विरोधियों को घेरने की बजाय उलझ रही आपस में

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देहरादून। कांग्रेस की युवा ब्रिगेड प्रदेश में विरोधियों को घेरने के बजाय आपस में उलझ रही है। कभी पार्टी को होनहार युवा नेता देने वाली यह युवा ब्रिगेड उत्तराखंड में वर्चस्व की लड़ाई लड़ रही है। प्रदेश में बिखरते पार्टी के जनाधार को युवाओं के सहारे दोबारा जोड़ने की संभावनाएं भी धूमिल होती दिख रही हैं। युवा कांग्रेस में शीर्ष स्तर पर उभरे मतभेद के लिए पार्टी हाईकमान कम जिम्मेदार नहीं है।
करीब डेढ़ वर्ष पहले युवा कांग्रेस के संगठन चुनाव हुए थे। चुनाव में विक्रम रावत पहले स्थान पर रहे थे। उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली। जबकि दूसरे स्थान पर रहे सुमित्तर भुल्लर को प्रदेश संगठन में वरिष्ठ उपाध्यक्ष बनाया गया। करीब आठ महीने तक तो युकां में सबकुछ ठीकठाक चला, लेकिन एकाएक पार्टी हाईकमान ने सुमित्तर भुल्लर को प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। बस, इसके बाद से ही प्रदेश युवा कांग्रेस दो धड़ों में बंट गई है।
उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग ने फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा रद नहीं करने का निर्णय लिया है। महीनों तक किराये पर कमरे लेकर कोचिंग और स्वयं की तैयारी करने वाले प्रतिभाशाली युवाओं की इच्छा के अनुरूप आयोग ने फैसला लिया है। इससे कई बेरोजगार सहमत नहीं हैं। जबकि परीक्षा देने वालों का तर्क है कि फॉरेस्ट गार्ड परीक्षा के लिए 360 केंद्र बनाए गए थे।
अगर चार-छह केंद्रों में नकल के मामले सामने आए तो सरकार इन केंद्रों की परीक्षा रद्द कर सकती है, लेकिन पूरी परीक्षा पर सवाल खड़े करना उचित नहीं है। परीक्षा देने वाले युवाओं की यह भी राय है कि जिन लोगों ने परीक्षा में नकल करने का अनुचित रास्ता अपनाया, उनपर कार्रवाई तो जरूरी है, लेकिन सभी अभ्यर्थियों को कटघरे में खड़ा करना सही नहीं है। वैसे भी परीक्षा के लिए वर्षों तक इंतजार करना पड़ता है। फिर दोबारा तैयारी में महीने गुजर जाते हैं।

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