दिल्ली फिर हुई आप की, 62 सीटें जीत दोहराया इतिहास

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एजेंसी न्यूज
नई दिल्ली। दिल्ली की जनता ने एक बार फिर अरविंद केजरीवाल पर विश्वास जताया है। केजरीवाल सरकार के पांच साल में किए गए विकास कार्यों का जादू इस कदर चला कि आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के लिए हुए चुनाव में 62 सीटें जीतकर इतिहास दोहरा दिया। चुनाव में आप की झाड़ू ऐसी चली कि कांग्रेस इस बार भी खाता नहीं खोल सकी।
भाजपा दहाई के अंक तक भी नहीं पहुंच सकी। आठ सीटों पर सिमट गई। भारी बहुमत के साथ जीती आप लगातार तीसरी बार दिल्ली में सरकार बनाएगी। शपथ ग्रहण कार्यक्रम शुक्रवार को रामलीला मैदान में हो सकता है। इस बारे में अंतिम फैसला आप विधायक दल की बुधवार को होने वाली बैठक में लिया जाएगा। आप की इस प्रचंड जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल को बधाई दी है। कहा कि दिल्ली के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए उन्हें शुभकामनाएं देता हूं। वहीं दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि पार्टी हार की समीक्षा करेगी। भाजपा दिल्लीवासियों के फैसले का सम्मान करती है।
पिछले विधानसभा चुनाव (2015) में आप ने 70 विधानसभा सीटों में से 67 सीटें जीतकर इतिहास रचा था। आप लगातार दूसरी बार दिल्ली में 60 से अधिक सीटें जीतकर सत्ता में आई है। दिल्ली में कांग्रेस के नेतृत्व में शीला दीक्षित की तीन बार सरकार रही थी, लेकिन कांग्रेस किसी भी चुनाव में 60 का आंकड़ा पार नहीं कर पाई थी।
आम आदमी पार्टी को इस बार चुनाव में 53.66 फीसद वोट मिले हैं, जो पिछले चुनाव में उसे मिले 54.34 फीसद मतों के करीब हैं। भाजपा को 38.49 फीसद वोट मिले। यह पिछले बार से करीब छह फीसद अधिक है। कांग्रेस के खाते में महज 4.32 फीसद वोट आए। उसे करीब पांच फीसद वोट का नुकसान हुआ है।
कांग्रेस के 66 में से 62 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। उसके उम्मीदवार किसी भी सीट पर दूसरे स्थान पर भी नहीं रहे। शीला सरकार में मंत्री रहे डॉ. एके वालिया, अरविंदर सिंह लवली, हारून यूसुफ, डॉ. नरेंद्र नाथ सहित कांग्रेस के सभी दिग्गजों को करारी हार का सामना करना पड़ा। भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री आरपी सिंह भी चुनाव हार गए।

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