ट्रेड यूनियनों की हड़ताल के चलते कई राज्यों में रोकी गई ट्रेनें, सड़कें की गईं ब्लॉक

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एजेंसी न्यूज
नई दिल्ली। श्रमिक व किसान संगठनों ने बुधवार को भारत बंद का आह्वान किया था। जिसका मिला जुला असर दिखाई दिया। 10 ट्रेड यूनियंस की तरफ से भारत बंद का आयोजन किया गया है, जिसका समर्थन 6 बैंक यूनियंस भी कर रही हैं। बैंक यूनियंस द्वारा हड़ताल का समर्थन किए जाने की वजह से बुधवार को बैंकों का कामकाज लगभग ठप्प रहा। ट्रेड यूनियन ने बयान जारी कर कहा था कि इस हड़ताल में करीब 25 लाख लोगों के शामिल होने की संभावना है।
ट्रेड यूनियनों ने दावा किया है मोदी सरकार द्वारा आर्थिक और जन विरोधी नीतियों को लागू किया जा रहा है। साथ ही साथ तमाम यूनियन्स सरकार द्वारा लाए जा रहे लेबर लॉ का भी विरोध कर रही हैं। स्टूडेंट यूनियंस शिक्षण संस्थानों में फीस बढ़ोत्तरी का विरोध कर रहे हैं। यूनियन ने मांग की है कि सरकार कर्मचारियों से बात करके नीतियों को बनाना चाहिए।
यूनियन की मांग है कि न्यूनतम मजदूरी 21 हजार रुपए की जाए। मजदूरों को मिड डे मील मिलना चाहिए। जरूरी चीजों की बढ़ती कीमतों पर सरकार रोक लगाए। 6,000 रुपए की न्यूनतम पेंशन की सुविधा होनी चाहिए। इसके साथ ही यूनियनों ने पब्लिक सेक्टर बैंक के मर्जर का विरोध किया है। दिन की शुरूआत होने के साथ ही भारत बंद का असर बंगाल, ओडिशा, कर्नाटक जैसे राज्यों पर दिखने लगा है। बंगाल में तो प्रदर्शनकारियों ने ट्रेन को रेक दिया और ट्रैक पर बैठकर प्रदर्शन कर रहे हैं। जबकि सिलिगुड़ी में राज्य सरकार की बस के ड्राइवर हेल्मेट पहनकर बस चला रहे हैं। ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि अगर कोई हमला करें तो उसका सामना किया जा सके।

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