बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस के निर्माण में युवाओं को मिलेगा रोजगार

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एजेंसीं न्यूज
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सोमवार को लोकभवन में संपन्न कैबिनेट की बैठक में कुल 13 प्रस्तावों पर मुहर लगी। इसमें प्रमुख रूप से बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस के निर्माण के लिये कंपनी का चयन कर लिया गया है। इन दोनों प्रोजेकट में करीब साठ हजार लोगों को रोजगार का अवसर मिलेगा।
कैबिनेट ने बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए निर्माण कर्ताओं का चयन कर लिया है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का काम छह चरण में होगा। इसमें पहला व दूसरा चरण का काम ओप्पो, तीसरा का अशोका बिल्डकॉम, चैथा व पांचवा का गावर कंस्ट्रक्शन और छठा चरण का काम दिल्ली बिल्डकॉम को मिला है।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे का काम दो चरण में होगा। पहला चरण का काम ओप्पो और दूसरा चरण का दिलीप बिल्डकॉम करेंगे। इन दोनों प्रोजेकट में कुल 60 हजार नौकरियों का अवसर है। इसके साथ ही 30 महीने में प्रोजेक्ट पूरा करने पर पांच प्रतिशत अतिरिक्त प्रमोशनल इंसेटिव भी मिलेगा।
इसके साथ ही कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश नगर पालिका नियमवली 2019 के मसौदे को मंजूरी दी है। प्रदेश में अभी तक नगर निगम सम्पति उपविधि से ही नगर पालिका और नगर पंचायत में कर वसूला जाता था। अब इनकी अलग नियमावली होगी। एक महीने में ड्राफ्ट जारी होगा। आपत्तियां ली जाएंगी।
कैबिनेट ने मेरठ और सिंधौलीमें बन रहे 400 केवी ट्रांसमिशन के लिए आए तीन बिड को मंजूरी दी है। पॉवर ग्रिड को 115 करोड़ के प्रस्ताव के आधार पर काम दिया गया। यह काम अगस्त 2021 तक पूरा होगा।
इसके साथ ही रामपुर और सम्भल में 765 और 400 केवी के ट्रांसमिशन लाइन का काम भी पॉवर ग्रिड को देने को मंजूरी। 2021 तक पूरा होगा। 13 जिले लाभान्वित होंगे। दोनों ही प्रोजेक्ट पीपीपी मॉडल पर होंगे। प्रदेश कैबिनेट ने यूपी सरकारी सेवक नियमावली में बदलाव को भी हरी झंडी दे दी है। इसके साथ ही ग्राम्य विकास विभाग के संचालित अंबेडकर विशेष रोजगार योजना के मार्गदर्शी सिद्धांतों को मंजूरी प्रदान की गई है। अब योजना का नाम बाबा साहेब आंबेडकर रोजगार प्रोत्साहन योजना होगा। अब टॉस्क फोर्स में कृषि उत्पादन आयुक्त की जगह ग्राम्य विकास आयुक्त होगें।
प्रदेश कैबिनेट ने ई स्टाम्प नियमावली में बदलाव किया है। अब लाइसेंस होल्डर स्टाम्प विक्रेता के पास कलेक्शन सेंटर होंगे। पहले 15 हजार तक का स्टाम्प बेच सकते थे। अब यह सीमा हटा दी गई है। कैबिनेट ने मदरसा आधुनिकीकरण योजना की नवीन गाइडलाइंस के अनुसार व्यय भार निर्धारण किया है। प्रदेश में आच्छादित 7442 मदरसों को केंद्रांश 60 प्रतिशत और राज्यांश 40 दिया जाएगा। अब योजना का नाम स्कीम फॉर प्रोवाइडिंग एजुकेशन इन मदरसा कर दिया गया है। 213 करोड़ का भार पड़ेगा।

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