मु0 रिज़वान
मुरादाबाद। आए दिन लोगों के आरोप प्रत्यारोपों के बीच पिटाई का शिकार होने वाले बिजली विभाग के जेई व कर्मचारी चेकिंग करने में पूरी तरह फिसड्डी साबित हो रहे है। जहां भी जाते हैं लोग उन पर अभद्रता का आरोप लगाकर मार पिटाई शुरू कर देते है। इसके बाद बिजली टीम सिर पर पैर रखकर भाग खड़ी होती है। इससे बिजली चोरी पर अंकुश नहीं लग पा रहा और न ही राजस्व की वसूली हो पा रही है। इस तरह बिजली चोरी के मामलों में लोगों के आरोप प्रत्योरापों के चलते भाग खड़े होने वाले एसडीओ, जेई व लाईनमैन अपने काम में फिसड्डी साबित हो रहे है। लोगों का कहना है कि ऐसे लापरवाह अधिकारी क्या वसूली कर पायेंगे इससे बेहतर है कि सरकार विद्युत व्यवस्था को प्राइवेट में कर दे ताकि आए दिन लोगों के कोपभाजन का शिकार बनने से अधिकारी व कर्मचारी भी बचते रहें और उपभोक्ता भी परेशान न हों और उन्हें बेहतर विद्युतापूर्ति मिले। यहां बता दें कि अधिकांश बिजली चोरी मामलों में बिजलीघरों पर तैनात भ्रष्ट कर्मचारियों की मिलीभगत होती है।
वहीं लोगों में आधी रात को बिजली चेकिंग करने वाली टीमो के प्रति दिन ब दिन गुस्सा बढ़ता जा रहा है। साल भर पहले असालतपुरा क्षेत्र में जेई संतोष दिवाकर को भीड़ ने दौड़ा दौड़ा कर पीटा था तब चेकिंग के दौरान मौजूद एसडीओ व एक्सईएन भी भाग खड़े हुए थे। इसके बाद दीवान का बाजार में बिजली चेकिंग टीम पर लोगों ने पथराव कर दिया था। इसके अलावा भी शहर में बिजली टीम को पीटे जाने की कई घटनायें हो चुकी है। गत शनिवार सुबह भी चक्कर की मिलक में चेकिंग को गई टीम की नई बाइक किसी ने फूंक डाली। सोमवार को किसरौल में चेकिंग के दौरान महिलाओं ने जेई पर घर में घुसकर अभद्रता करने का आरोप लगाते हुए जेई व कर्मचारियों की पिटाई करते हुए दौड़ा लिया था। इस दौरान जेई का मोबाइल भी तोड़ दिया गया। इतना कुछ होने के बाद भी दोनो पक्षों में समझौता हो गया और टीम बेरंग लौट गयी।
इस तरह की तमाम घटनायें साबित कर रहीं है कि मुरादाबाद की बिजली विभाग की टीम चेकिंग कर राजस्व की वसूली कर पाने और बिजली चोरी रोकने में पूरी तरह फिसड्डी साबित हो रही है। हर मोहल्ले में बिजली चेकिंग टीम का विरोध होता है और जो चाहता है टीम को दौड़ा लेता है। यानि कि मुरादाबाद में बिजली चोरी को रोक पाना और बकाया की वसूली करना अब सरकारी महकमें की बात नहीं रही। पीटीसी, पुलिस अकादमी, सिंचाई खण्ड, जिला अस्पताल, जिला कारागार जैसे तमाम सरकारी विभागों पर बिजली विभाग का करोड़ो रूपया बकाया है। इसलिए दिन ब दिन घाटे में जा रहे बिजली विभाग की दशा सुधारने के लिए और आए दिन उपभोक्ताओ द्वारा बिजली विभाग की टीमों को पीटे जाने की बढ़ती घटनाओ को रोके जाने के लिए जरूरी हो गया है कि कम से कम मुरादाबाद की बिजली प्राइवेट हाथों में दे दी जाये ताकि न तो बिजली विभाग के कर्मचारी इस तरह आए दिन पिटे और न ही उपभोक्ता अनाप शनाप बिल भेजे जाने एवं बिजली चेकिंग के नाम पर उत्पीड़न का आरोप न लगाये। यह दोनो के लिए हितकारी रहेगा।