मु0 रिज़वान
मुरादाबाद। एक तरफ जहां देश के प्रधानमंत्री व प्रदेश के मुख्यमंत्री स्वच्छ भारत अभियान की मुहिम को जोर शोर से बढ़ावा दिये हुए हैं और गरीबों के लिए नित नई जन कल्याणकारी योजनायें शुरू कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर मुरादाबाद का रोडवेज गरीब यात्रियों के लिए निशुल्क शौचालय की सुविधा भी नहीं दे पा रहा। पुराने रोडवेज पर बने शौचालय को ठेके पर दे दिया गया है और ठेकेदार प्रति व्यक्ति पांच रूपये वसूली कर रहा है। गरीब यात्री जो पांच रूपये दे पाने में असमर्थ है वह यहां पास के नाले के निकट खुले में शौच करने को मजबूर है। आखिर रोडवेज यात्रियों को शौचालय की मूलभूत सुविधा प्रदान करने में फिसड्डी क्यूं है?
एक तरफ जहां शहर स्मार्ट सिटी बनने जा रहा है और नगर निगम द्वारा स्वच्छ भारत मिशन अभियान को बढ़ावा देते हुए तथा खुले में शौच मुक्ति के लिए जगह जगह शौचालय बनवा रहा है तो वहीं दूसरी ओर शहर का पुराना रोडवेज जहां से दिल्ली, अमरोहा, बिजनौर, हरिद्वार आदि स्थानो के लिए बसे रवाना होती है। यहां आने वाले यात्रियों को शौचालय के लिए पांच रूपये का शुल्क देना पड़ रहा है। कुछ गरीब यात्री ऐसे भी होते हैं जिनके लिए पांच रूपये देने भारी पड़ते हैं और वह पांच रूपये बचाने के लिए रोडवेज परिसर में कहीं एकांत की जगह पर या फिर पास में बह रहे नाले पर मलमूत्र त्यागने को मजबूर है। लोगों का कहना है कि जब रेलवे विभाग के अलावा शहर में सिनेमाहाॅल, मल्टी प्लेक्स आदि स्थानों पर भी निशुल्क शौचालय की सुविधा है तो फिर यात्रियों से महंगा किराया वसूलने वाला परिवहन विभाग उन्हें निशुल्क शौचालय की सुविधा क्यूं नहीं प्रदान कर रहा। जिनके पास किराये के लिए ही पैसे बड़ी मुश्किल से हो पाते हैं वह शौचालय का पांच रूपये का शुल्क कहां से अदा करे। रात के अंधेरे में पुराने रोडवेज के आसपास कई यात्रियों को मल मूत्र त्यागते देखा जा सकता है क्योंकि वह पांच रूपये दे पाने में असमर्थ है।
खुले में शौच मुक्ति और स्वच्छ भारत मिशन अभियान से जुड़े जिम्मेदार अधिकारियों को इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है कि रोडवेज बसों में यात्रा करने वाले यात्रियों को रोडवेज परिसर में निश्ुाल्क शौचालय की सुविधा प्रदान हो सके। आखिर यात्रियों से पांच रूपये वसूलने को लेकर शौचालय को ठेके पर उठा देना यात्रियों के हित में उचित नहीं।