हुकूमत एक्सप्रेस
मुरादाबाद। नगर निगम के कुछ ठेकेदार निर्माण कार्य अपनी मनमर्जी से मानकों को ताक पर रखकर कर रहे है। गुणवत्ता से कोसो दूर किये जा रहे इन कार्यों को सम्बन्धित जेई अपने कार्यालयों में बैठकर ही निरीक्षण में ओके कर रहे है। न जेई के पास समय है यह देखने का कि ठेकेदार सीमेंट की जगह जमकर रेत पेल रहा है और न ही नगर आयुक्त व महापौर के पास इतना वक्त है कि वह कभी किसी निर्माण कार्य का मौके पर जाकर मुआयना कर ले कि गुणवत्ता को ताक पर तो नहीं रखा जा रहा। रही बात निर्माण विभाग के मुख्य अभियन्ता की तो दोपहर तक ही वह अपने कार्यालय मंे टिक पाते हैं। इसके बाद उनके कार्यालय का शटर बंद नजर आता है। उनके पास भी समय नहीं कि निर्माण कार्यों का मुआयना करें। सब रामभरोसे चल रहा है। ठेकेदार वार्डों में अपनी मनमर्जी आधे अधूरे काम कर जेई से सांठ गांठ कर पूरा पैसा वसूल रहे है जबकि जितने कार्य का वह पैसा ले रहे हैं उसका 20 प्रतिशत भी कार्य में नहीं लगाया जा रहा।
ऐसे ही आधे अधूरे कार्य का जीता जागता उदाहरण है वार्ड 41 के सीधी सराय की फसियो गली। यहां सम्बन्धित जेई की सुस्ती के चलते सरकारी धन की खूब बर्बादी हुई। ठेकेदार ने पुरानी टाइल्स को उखाड़कर दोबारा ऐसे ही उल्टा सीधा बिछा दिया और काम चलाऊ नाली बनवा दी। नाली खुली होने से इसमें कूड़ा इकट्ठा हो रहा है और पानी की निकासी बंद है। जेई अनुज कुमार के पास इतना समय नहीं कि वह इस कार्य का निरीक्षण करें बल्कि उनका कहना है कि उनकी ओर से इस कार्य का कोई आदेश जारी नहीं किया गया। अब सवाल यह है कि बिना कार्यादेश के ठेकेदार को अपनी जेब का पैसा फूंकने में क्या मजा आया? यह जांच का विषय है।