अंधाधुंध बिजली कटौती से हाहाकार, लोकप्रिय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छवि धूमिल कर रहा बिजली विभाग

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हुकूमत एक्सप्रेस
मुरादाबाद। लोकप्रिय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘‘सबका साथ सबका विकास’’ के नारे और उनकी सबको साथ लेकर चलने की सौम्य छवि को मुरादाबाद में बिजली विभाग धूमिल करने में लगा है।
मण्डल मुख्यालय होने के बावजूद 10 से 12 घंटे की अंधाधुंध कटौती की जा रही है जिससे 38 डिग्री के अधिकतम तापमान के बीच लोग बिलबिलाये हुए है। बिजली न आने से जहां कारीगर वर्ग हाथ पर हाथ धरे बैठे है तो वहीं लोग रात को चैन से सो नहीं पा रहे। 10 से 12 घंटे की इस अंधाधुंध कटौती के बारे में जब लोग सम्बन्धित बिजली घर पर कारण पूछते हैं तो कर्मचारी दो टूक कह देते हैं कि लखनऊ से कटौती की जा रही है। बिजली विभाग के इस रवैये को देखकर लगता है कि वह कहीं न कहीं लोकप्रिय व जुझारू मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छवि मुरादाबाद की जनता के बीच धूमिल करने में लगा है। आखिर क्या कारण है कि जो मण्डल मुख्यालय को 16 घंटे भी बिजली नहीं मिल पा रही।
सिविल लाइंस, बुद्धबाजार, कांठ रोड की कालोनियांे के अलावा करूला क्षेत्र, ईदगाह, गलशहीद, असालतपुरा, लालबाग, दीवान का बाजार, नागफनी आदि पुराने शहरी इलाको में सबसे ज्यादा कटौती की जा रही है। इनमें असालतपुरा, पहले नम्बर पर है। यहां शाम 5 बजे से जो बिजली गुल होती है तो 4-5 घंटे के बाद ही आती है। इसके बाद फिर बीच रात में और दिन में कटौती का दौर चलता है। 2019 का चुनाव करीब है और मुरादाबाद में बिजली की अंधाधुंध कटौती की जा रही है।
बिजली विभाग की भूमिका मुरादाबाद को लेकर संशय में डाल रही है कि आखिर इस तरह पीतल नगरी में अंधाधुंध कटौती क्यूं की जा रही है? भाजपा सरकार आने के बाद भी बिजली विभाग की मानसिकता लगता है बदली नहीं है और वह प्रदेश व केन्द्र सरकार की छवि धूमिल करने में लगी है। अंधाधुंध बिजली कटौती के चलते महानगर का कारोबार चैपट होकर रह गया है।

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