एजेंसी न्यूज
बलरामपुर। वलीमे का जर्दा खाना 80 लोगों केा भरी पड़ गया और यह फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गए। इनमें से बीस की हालत गंभीर है। यह दावत बीती रात बलरामपुर के बिजुआ कला गांव में आयोजित थी। दावते वलीमा में शामिल लोगों ने खाना खाया तो लोगों को उल्टी-दस्त की समस्या हो गई। लोगों को दिक्कत होने पर ग्रामीणों की सूचना पर चिकित्सकों की टीम ने करीब 80 लोगों का रात में गांव में पहुंचकर उपचार किया। कई लोगों को गंभीर हालत होने के कारण सीएचसी पचपेड़वा में भर्ती कराया गया। देर रात तक चले इलाज के बाद स्थिति नियंत्रित हुई। 20 लोगों की हातल गंभीर रही।
बताया जाता है कि मुहम्मद उमर के बेटे कमर इकबाल की शादी क्षेत्र के मनिकापुर में हुई थी। बुधवार को उसी का दावते वलीमा था। रात में भोज के बाद मुहम्मद इसहाक (38), मैराज (13), आठ वर्षीय रियाज, नसरुल्ला (12), सनाउल्ला (पांच), सात वर्षीय नसरीन, दस वर्षीय इबरार, तस्मीन (17), मुहम्मद राशिद (14), सुदिमा खातून (45), यूनुस (62), मुहम्मद शमी (65), रामजाली (80) समेत 30 से अधिक लोगों को उल्टी-दस्त शुरू हो गया। पल भर में ही जश्न का माहौल कोहराम में बदल गया। लोग इलाज के लिए इधर-उधर भागने लगे। पीडिघ्तों ने बताया कि दावत में मीठा चावल (जर्दा) खाने से ही दिक्कत हुई है। जिन लोगों ने जर्दा नहीं खाया था, उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई। सीएसची पचपेड़वा के डॉ. गयासुद्दीन ने टीम के साथ गांव में पहुंचकर मरीजों का उपचार शुरू किया। 20 गंभीर मरीजों को रात में ही सीएचसी में भर्ती कराया गया। अधीक्षक डॉ. मिथिलेश ने बताया कि फूड प्वाइजनिंग से करीब 80 लोग पीडिघ्त थे। जिनका उपचार कर छोड़ दिया गया। 20 लोगों की स्थिति गंभीर थी, जिन्हें भर्ती किया गया था। गांव में दवाओं का छिड़काव कराया गया है।
दावते वलीमा में खाना खाने वाले रईश अहमद, मुहम्मद इकबाल, कृष्ण कुमार, ओम प्रकाश, डब्बू, मारूफ ने बताया कि उन लागों के खाना खाने से पहले ही जर्दा समाप्त हो चुका था। जिसके कारण उन्हें वह नहीं मिला और वह बीमार होने से बच गए।