मु0 रिज़वान
मुरादाबाद। ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए धार्मिक स्थलों पर लाउड स्पीकर बिना अनुमति के न लगाये जाने का कोर्ट का निर्णय सराहनीय है मगर साथ ही साथ वैवाहिक समारोह के दौरान घरो के बाहर जिस तरह कानफोड़ू डीजे आधी रात तक शोर मचाता है उस पर भी पुलिस प्रशासन को सख्ती बरतनी होगी। वैवाहिक समारोह के दौरान लोग दबंग होकर घर के बाहर इस कदर तेज आवाज में डीजे बजाते हैं कि पूरा मोहल्ला रात भर सो नहीं पाता। स्कूली बच्चों के एग्जाम चल रहे हैं, मोहल्ले या पड़ोस में कोई बीमार है इससे डीजे बजाने वालों को कोई सरोकार नहीं होता। महानगर की ही बात करें तो यहां घनी आबादी वाले इलाकों में जब किसी के घर ब्याह शादी होती है तो घर के बाहर डीजे रखकर फुल आवाज में बजाया जाता है। कई बार देखा गया है कि थाना पुलिस की जीप भी इसे नजर अंदाज करती हुई चुपचाप निकल जाती है।
क्या मुरादाबाद का पुलिस प्रशासन धार्मिक स्थलों पर लाउड स्पीकर को बिना अनुमति के न लगाये जाने के पालन कराने के साथ साथ वैवाहिक समारोह के दौरान आधी रात तक बजने वाले कानफोड़ू डीजे के शोर पर भी सख्ती से अमल कर पायेगा? अगर इस पर पुलिस प्रशासन अंकुश लगा सके तो निसंदेह दिन भर मेहनत के बाद रात को चैन की नींद सोने का हक रखने वाले लोगो को बड़ी राहत मिलेगी।