अपनी आदतों से बाज नहीं आ रही पाक सेना, 25 आतंकवादी लॉन्च पैड एक्टिव, ड्रोन उड़ाने की भी दे रही ट्रेनिंग
पाकिस्तान की सेना ने एक बार फिर एलओसी पर आतंकियों की घुसपैठ कराने की कवायद तेज कर दी है। जानकारी के मुताबिक पाक सेना ने कुल 25 आतंकवादी पैड एक्टिव कर दिया है।
पाकिस्तान की सेना अपनी आदतों से बाज नहीं आ रही है। नियंत्रण रेखा पर वह आतंकियों की घुसपैठ की हरसंभव कोशिश कर रही है। उसका मकसद साफ है कि वह जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ के जरिए ज्यादा से ज्यादा आतंकियों को भेजे ताकि वहां का माहौल खराब हो। इंडिया टीवी को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक नियंत्रण रेखा के पास पाकिस्तानी सेना द्वारा 25 आतंकवादी लॉन्च पैड सक्रिय किए गए हैं। पाकिस्तान की सेना जम्मू-कश्मीर में लगातार आतंकवादियों की मदद कर रही है। कालीघाटी, हजीरा और पीओजेके में उनके ठिकानों पर ड्रोन से निपटने का प्रशिक्षण भी दे रही है। आतंकवादी और पाक सेना नागरिकों को ढाल की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। वे नियंत्रण रेखा पर टोह लेने के लिए ड्रोन उड़ा रहे हैं। ये ड्रोन हथियारों से लैस होते हैं और एलओसी के बहुत करीब आ जाते हैं। पाकिस्तान की सेना गाइड और आतंकवादियों के साथ एलओसी पर रेकी करने की कोशिश करती है।सुरक्षा बलों ने सोमवार को जम्मू कश्मीर के सांबा जिले के सीमावर्ती इलाके में एक ड्रोन द्वारा गिराए गए हथियार एवं गोला-बारूद बरामद किए। अधिकारियों ने बताया कि रात के समय ड्रोन से सामग्री गिराए जाने की खुफिया सूचना मिलने के बाद सुरक्षाकर्मियों ने रामगढ़ सेक्टर में तलाशी अभियान शुरू किया। उन्होंने बताया कि तलाशी के दौरान तीन पिस्तौल एवं अन्य गोला-बारूद बरामद किए गए। अधिकारी के अनुसार, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और पुलिस को सक्रिय कर दिया गया है तथा तलाशी अभियान तेज कर दिया गया है।
इससे पहले पुंछ जिले में सेना के जवानों ने 29 अगस्त को नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास एक बारूदी सुरंग बरामद की थी। अधिकारियों ने बताया कि सेना के एक दल को नियंत्रण रेखा पर गश्त के दौरान पत्थरी गली इलाके में बारूदी सुरंग मिली। गश्ती दल ने क्षेत्र को सुरक्षित किया और बारूदी सुरंग को नष्ट करने के लिए बम निरोधक दस्ते को बुलाया। अधिकारियों ने बताया कि बारिश के कारण बारूदी सुरंग बहकर गश्ती मार्ग पर आ गई थी। वहीं 30 अगस्त को सेना के एक शीर्ष अधिकारी ने चिनाब घाटी के डोडा और किश्तवाड़ जिलों में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की थी। जम्मू स्थित व्हाइट नाइट कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल नवीन सचदेवा ने वार्षिक तीन दिवसीय कैलाश कुंड यात्रा का भी जायजा लिया था।