साजिश को लेकर सतर्क हुआ रेलवे, पटरियों पर सुरक्षा के लिए गश्त बढ़ाई

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साजिश को लेकर सतर्क हुआ रेलवे, पटरियों पर सुरक्षा के लिए गश्त बढ़ाई
अहमदाबाद जाने वाली साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन 17 अगस्त को झांसी रेल मंडल के कानपुर और भीमसेन जंक्शन के बीच पटरी से उतर गई थी, जिसके बाद रेलवे ने पटरियों पर गश्त बढ़ा दी है।
बीते 17 अगस्त को अहमदाबाद जाने वाली साबरमती एक्सप्रेस कानपुर और भीमसेन जंक्शन के बीच पटरी से उतर गई थी। बाद में रेलवे को पता लगा था कि कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा कथित तौर पर पटरियों पर रखी गई भारी वस्तु से टकराने के बाद ये हादसा हुआ था। अब इस घटना को ध्यान में रखते हुए और किसी भी तरह की साजिश से सतर्क रहने के लिए रेलवे ने पटरियों पर गश्त को बढ़ाने का फैसला किया है। आइए जानते हैं पूरा मामला। रेलवे मंत्रालय चौबीसों घंटे पटरियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए विभिन्न AI आधारित समाधानों पर भी विचार कर रहा है। रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने बताया है कि आरपीएफ के साथ-साथ पटरियों का रखरखाव करने वाले कर्मी पूरे वर्ष नियमित अंतराल पर दिन और रात में गश्त करते हैं और साबरमती एक्सप्रेस दुर्घटना के बाद वे और अधिक सतर्क हो गए हैं।
एक रेलवे अधिकारी ने बताया है कि बोर्ड समय-समय पर निर्देश देता है कि पूरे साल पटरियों की 24 घंटे गश्त की जाए। हालांकि, जमीनी रिपोर्ट से पता चलता है कि पटरियों की देखरेख करने वाले कर्मियों की कमी के कारण पूरे वर्ष रात्रि गश्त नहीं की जाती है। साबरमती एक्सप्रेस दुर्घटना के बारे में भी एक अधिकारी ने बताया है कि इस घटना से पहले रात्रि गश्त नहीं की जाती थी, हालांकि अब इसे शुरू कर दिया गया है।
रेलवे की ओर से इस बात को लेकर भी जांच की जा रही है कि क्या रेल परिचालन को बाधित करने के लिए पटरी पर जानबूझकर भारी चीज को रखा गया था। रेलवे के अधिकारी ने बताया है कि रात्रि गश्त का प्रावधान प्रतिकूल मौसम की स्थिति में रेल की पटरियों के रखरखाव के उद्देश्य से होता है न कि असामाजिक गतिविधियों से इसे सुरक्षित करने के उद्देश्य से