ई-कोर्ट परियोजना: तीसरे चरण के लिए मौजूदा वित्त वर्ष में 825 करोड़ रुपये, अगले वित्त वर्ष के लिए 1500 करोड़
केंद्र सरकार ने गुरुवार को संसद के संयुक्त सत्र में अंतरिम बजट पेश किया है। इसमें महत्वकांक्षी ई-कोर्ट परियोजना के तीसरे चरण के लिए इस वित्त वर्ष में 825 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। जबकि, अगले वित्त वर्ष के लिए 1,500 करोड़ रुपये की बढ़ी हुई राशि आवंटित की गई है। परियोजना के तहत निचली अदालतों के डिजिटल बुनियादी ढांचे उन्नत बनाया जाएगा।
परियोजना के तीसरे चरण के लिए कैबिनेट ने पिछले साल सितंबर में 7,210 करोड़ रुपये की राशि को मंजूरी दी दी। लेकिन, अब इसमें संशोधन किया गया है और इसे बढ़ाकर 825 करोड़ किया गया है। इस परियोजना के तहत 2,038.40 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से अदालतों का डिजिटलीकरण किया जाएगा। आधिकारिक सूत्रोंने बताया कि कुल 3108 करोड़ दस्तावेजों का डिजिटलीकरण किया जाएगा।
सरकार के मुताबिक, ई-कोर्ट मिशन मोड परियोजना तकनीक का इस्तेमाल करके न्याय तक पहुंच में सुधार के लिए शुरू की गई। परियोजना के तीसरे चरण में इस प्रणाली को क्लाउड प्रौद्योगिकी में बदला जाएगा। मौजूदा जरूरत के हिसाब से 25 पेटाबाइट क्लाउड स्टोरेज उपलब्ध कराने की अनुमानित लागत 1,205.20 करोड़ रुपये है। इसके लिए केंद्र की ओर से जरूरी उपकरण प्रदान किए जाएंगे। बाद में राज्य सरकारों, केंद्र और 25 उच्च न्यायालयों के बीच त्रिपक्षी समझौते पर पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। जिसके तहत उपकरणों के रखरखाव और प्रतिस्थापन (रिप्लेसमेंट) राज्यों की जिम्मेदारी होगी।