संसद में आतंक फैलाना था मकसद’, दिल्ली पुलिस को मिली आरोपियों की 7 दिन की रिमांड
कोर्ट ने मामले से जुड़े सभी 4 आरोपियों को 7 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि इन आरोपियों ने अपने जूते में कैन छिपा कर रखा था। इस पूरी घटना में क्या आतंकी संगठन को शामिल हैं इसकी जांच भी करनी है।
संसद की सुरक्षा में चूक।
बुधवार को संसद के इतिहास में एक और काला अध्याय जुड़ गया जब 2 युवक संसद की सुरक्षा को चकमा देकर लोकसभा में घुस गए और अंदर गैस को स्प्रे कर दिया। लोकसभा में घुसकर हंगामा करने के मामले में पुलिस ने सभी आरोपियों को आज कोर्ट में पेश किया। पटियाला हाउस कोर्ट ने मामले से जुड़े सभी 4 आरोपियों- मनोरंजन डी, सागर शर्मा, नीलम आज़ाद और अमोल शिंदे को 7 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।
आतंक फैलाना था मकसद
दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में दलील देते हुए कहा कि ये अपराधिक कृत्य सोची समझी साजिश के तहत किया गया है और इसका मकसद आतंक फैलाना था। पुलिस ने बताया है कि सभी आरोपों लंबे समय से एक दूसरे को जानते हैं और भगत सिंह युवा फैन क्लब से जुड़े थे जिसे बाद में डिलीट कर दिया गया। दिल्ली पुलिस ने कहा वो सभी आरोपियों को आमने सामने बैठाकर पूछताछ कराना चाहती है और कई जगहों को शिनाख्त भी करनी है।
आतंकी गठजोड़ की भी होगी जांच
दिल्ली पुलिस ने कहा है कि इन आरोपियों ने अपने जूते में कैन छिपा कर रखा था। आरोपियों के पास से पम्पलेट भी मिले जिसे वे प्रधानमंत्री को दिखाना चाह रहे थे लेकिन वह सदन में नही थे। पुलिस ने कहा कि इस पूरी घटना में क्या आतंकी संगठन को शामिल हैं इसकी जांच करनी है। पुलिस ने कहा कि जिस तरह से इस घटना को अंजाम दिया गया है, उसके पीछे बड़े लोगो के शामिल होने की आंशका है, क्योंकि आम आदमी इतनी प्लनिंग से काम नही कर सकता है।
मुंबई से खरीदे गए थे केनेस्टर
कोर्ट में जारी सुनवाई में पुलिस ने बताया है कि आरोपी सदन की गरिमा को नुकसान पहुंचाने जा रहे थे। आरोपियों ने दो जोड़ी जूते लखनऊ से खरीदे थे, वहां भी इनको ले जाना है। आरोपियों के पास से जो जो केनेस्टर इनसे मिले है वो मुंबई से खरीदे गए थे। इसके लिए इनको मुंबई ले जाना है। पुलिस के मुताबिक आरोपियों को गुड़गांव और मैसूर भी ले जाना है। पुलिस ने कहा कि सभी पर 186, 353, 452,153, 34 ,120 औa 16 और 18 के तहत मामला दर्ज किया गया है जिसके तहत 30 दिन की कस्टडी का प्रवधान है। हालांकि, पुलिस ने 15 दिन की रिमांड मांगी जिसके बाद कोर्ट ने 7 दिनों पर सहमति जताई।