जम्मू कश्मीर: भाजपा ने के फैसले का स्वागत किया

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जम्मू कश्मीर: भाजपा ने के फैसले का स्वागत किया, कांग्रेस नेता बोले- निर्णय का अध्ययन कर जारी करेंगे बयान
पीटीआई, जम्मू कश्मीर गुलशन कुमार
सार
जम्मू
रविंद्र रैना ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि वे इस फैसले का अक्षरश: सम्मान करते हैं।
रविंद्र रैना – फोटो : एजेंसी
विस्तार
जम्मू कश्मीर भाजपा के अध्यक्ष रविंद्र रैना ने सोमवार को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि वे इस फैसले का अक्षरश: सम्मान करते हैं। हालांकि, जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष जी ए मीर ने कहा कि पार्टी फैसले का अध्ययन कर रही है और उसके अनुसार एक बयान जारी करेगी। उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत को राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए एक समय सीमा देनी चाहिए थी और केंद्र शासित प्रदेश के स्थानीय लोगों के लिए नौकरियों और भूमि के लिए विशेष सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए थी।
रविंद्र रैना ने कहा, ‘हम सच्चे अर्थों में उच्चतम न्यायालय के फैसले का सम्मान और आदर करते हैं। हमें अपने देश, संविधान और अपनी न्यायपालिका पर गर्व है जो दुनिया में सर्वश्रेष्ठ में से एक है।’ उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने बार-बार यह स्पष्ट किया है कि वह विधानसभा चुनाव कराने के लिए तैयार है, लेकिन निर्णय चुनाव आयोग को लेना है, जबकि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री जम्मू-कश्मीर की राज्य का दर्जा बहाली के वादे से बंधे हैं।
जम्मू-कश्मीर भाजपा के मुख्य प्रवक्ता सुनील सेठी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को राजनीतिक रंग न देना बेहतर है, जो पूरे देश के लोगों की इच्छाओं के अनुरूप था। उन्होंने कहा, ‘यह एक ऐतिहासिक निर्णय है क्योंकि इसने जम्मू-कश्मीर के पूर्ण एकीकरण पर उठाए गए सवालों पर विराम लगा दिया है। यह लड़ाई राजनीतिक या समुदाय-केंद्रित नहीं थी, लेकिन कश्मीर में कुछ लोग हैं जिनकी राजनीति इस (अनुच्छेद 370) पर चलती रही है।’
एक अन्य भाजपा नेता ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) अनिल गुप्ता ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से केवल कुछ लोग ही नाखुश होंगे। जो लोग यह दावा कर रहे हैं कि जम्मू-कश्मीर के लोग सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नाखुश हैं, वे झूठ फैला रहे हैं। वे अपने लिए बोल सकते हैं। उन्हें संपूर्ण जनता की ओर से बोलने का जनादेश किसने दिया है।
उधर, कांग्रेस नेता मीर ने कहा कि पार्टी फैसले का मूल्यांकन कर रही है और उसके अनुसार बयान देगी। हालांकि, उन्होंने विधानसभा चुनाव कराने के लिए दी गई समय सीमा का स्वागत किया और कहा कि राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए भी एक समय सीमा दी जानी चाहिए थी। मीर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को जम्मू-कश्मीर के स्थानीय लोगों के लिए जमीन और नौकरियों पर सुरक्षा उपायों की भी सिफारिश करनी चाहिए थी।
सुप्रीम कोर्ट ने पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र के अगस्त 2019 के फैसले को सोमवार को बरकरार रखा और कहा कि अगले साल 30 सितंबर तक विधानसभा चुनाव कराने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। शीर्ष अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल किया जाए।

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