एडीआर की रिपोर्ट: बीजेपी सबसे धनवान पार्टी, लोगों ने दिल खोलकर दिया चंदा, जानिए कांग्रेस का हाल
एडीआर की रिपोर्ट में पता चला है कि सबसे ज्यादा लोगों ने चंदा बीजेपी को दिया है। इस तरह से देखें तो बीजेपी के पास सबसे ज्यादा चंदे के पैसे हैं। जानिए कांग्रेस सहित अन्य पार्टियों को लोगों ने कितना चंदा दिया है?
एक विश्लेषण से यह खुलासा हुआ है कि देश के विभिन्न राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे के सोर्स अभी भी काफी हद तक अज्ञात बने हुए हैं लेकिन इस बीच एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) द्वारा शनिवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान, भाजपा ने अज्ञात स्रोतों से मिले चंदे की रकम और आय के रूप में 1161.0484 करोड़ रुपये की घोषणा की है जो अज्ञात स्रोतों से राष्ट्रीय दलों की कुल आय का 53.45 प्रतिशत (2172.231 करोड़ रुपये) है। भाजपा की यह आय अन्य छह राष्ट्रीय दलों द्वारा घोषित अज्ञात स्रोतों से कुल आय से (1011.1826 करोड़ रुपये) से 149.8658 करोड़ रुपये अधिक है। यानी लोगों ने भाजपा को दिल खोलकर चंदा दिया है।
एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2004-05 से 2021-22 के बीच राष्ट्रीय दलों ने अज्ञात स्रोतों से 17,249.45 करोड़ रुपये जुटाए हैं। एआईटीसी ने अज्ञात स्रोतों (सोर्स) से आय के रूप में 528.093 करोड़ रुपये की घोषणा की, जो अज्ञात स्रोतों से राष्ट्रीय दलों की कुल आय का 24.31 प्रतिशत है।अज्ञात स्रोतों से आय के रूप में 2172.231 करोड़ रुपये में से चुनावी बॉन्ड से आय का हिस्सा 1811.9425 करोड़ रुपये या 83.4 प्रतिशत था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2004-05 और 2021-22 के बीच कूपन की बिक्री से आईएनसी (कांग्रेस) और एनसीपी की संयुक्त आय 4398.51 करोड़ रुपये है।
वित्त वर्ष 2021-22 में आठ राष्ट्रीय राजनीतिक दलों की कुल आय 3289.34 करोड़ रुपये थी और ज्ञात दानदाताओं से राजनीतिक दलों की कुल आय 780.774 करोड़ रुपये है, जो पार्टियों की कुल आय का 23.74 प्रतिशत है।
अन्य ज्ञात स्रोतों (संपत्ति की बिक्री, सदस्यता शुल्क, बैंक ब्याज, प्रकाशनों की बिक्री, पार्टी लेवी आदि) से राजनीतिक दलों की कुल आय 336.335 करोड़ रुपये या कुल आय का 10.22 प्रतिशत है। अज्ञात स्रोतों से राजनीतिक दलों की कुल आय (वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट में निर्दिष्ट आय जिसका स्रोत अज्ञात है) 2172.231 करोड़ रुपये है, जो राजनीतिक दलों की कुल आय का 66.04 प्रतिशत है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अज्ञात स्रोतों से होने वाली 2172.231 करोड़ रुपये की आय में चुनावी बॉन्ड से होने वाली आय का हिस्सा 1811.9425 करोड़ रुपये या 83.4 फीसदी है।
आईएनसी, सीपीआई (एम) और एनसीपी द्वारा घोषित कूपन की बिक्री से आय अज्ञात स्रोतों से आय का 6.785 प्रतिशत (147.3886 करोड़ रुपये) है, जबकि स्वैच्छिक योगदान (20,000 रुपये से कम) से प्राप्त दान सात राष्ट्रीय दलों के अज्ञात स्रोतों से आय में 9.184 प्रतिशत (199.4951 करोड़ रुपये) था।
20 हजार से कम दानकर्ता का नाम सार्वजनिक नहीं
वर्तमान में, राजनीतिक दलों को 20,000 रुपये से कम देने वाले व्यक्तियों या संगठनों के नाम की जानकारी देने की आवश्यकता नहीं है और न ही चुनावी बॉन्ड के माध्यम से दान करने वालों की जानकारी देने की जरूरत है। इस कारण से, ‘अज्ञात’ स्रोतों से 65 प्रतिशत से अधिक धन का पता नहीं लगाया जा सकता है।
एडीआर ने की है सिफारिश
एडीआर ने सिफारिश की है कि चूंकि राजनीतिक दलों की आय का एक बहुत बड़ा प्रतिशत देने वाले मूल दाता का नहीं लगाया जा सकता है, इसलिए सभी दाताओं का पूरा विवरण आरटीआई के तहत सार्वजनिक जांच के लिए उपलब्ध कराया जाना चाहिए। कुछ देश जहां ऐसा किया जाता है उनमें भूटान, नेपाल, जर्मनी, फ्रांस, इटली, ब्राजील, बुल्गारिया, अमेरिका और जापान शामिल हैं। इनमें से किसी भी देश में धन के स्रोत का 65 प्रतिशत से अधिक अज्ञात होना संभव नहीं है, लेकिन वर्तमान में भारत में ऐसा नहीं है।