प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में काशी के तमिल संगमम् कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि काशी तमिल संगमम अपने आप में विशेष है। उन्होंने कहा कि काशी विश्व का सबसे प्राचीन शहर है। काशी और तमिलनाडु के विद्वानों का अभिनंदन करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि काशी और दक्षिण में तमिलनाडु के सांस्कृतिक सहअस्तित्व और उसके महत्व को रेखांकित किया।
भारत के इस सांस्कृतिक एकभाव को प्रदर्शित करते हुए उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि काशी में बाबा विश्वनाथ है तो तमिलनाडु में भगवान रामेश्वरम का आशीर्वाद है। दोनों शिवमय और शक्तिमय हैं। काशी और कांची के रूप में दोनों स्थानों की सप्तपुरियों में अपनी महत्ता है। काशी और तमिलनाडु दोनों आचार्यों की भूमि है।
पीएम मोदी ने तमिलनाडु और काशी के संगीत और साहित्य के महत्व को बताया
‘काशी तमिल संगमम्’ को संबोधित करते हुए PM मोदी ने कहा कि काशी तुलसीदास की भूमि है तो तमिलनाडु संत तिरूवल्लुवर का आशीर्वाद है। उन्होंने काशी और तमिलनाडु की संगीत और सांस्कृतिक एकरूपता को प्रतिपादित करते हुए बताया कि काशी और तमिलनाडु दोनों संगीत और कलाकारों की भूमि है। काशी में तबला तो दक्षिण मृदंगम जैसे तालवाद्य हैं। काशी की साड़ी विश्वप्रसिद्ध है तो तमिलनाडु की कांजीवरम सिल्क की साड़ी दुनिया में अपना स्थान रखती है।
हमारे देश में संगमों का बड़ा महत्व रहा है: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक ओर पूरे भारत को अपने आप में समेटे हमारी सांस्कृतिक राजधानी काशी है, तो दूसरी और, भारत की प्राचीनता और गौरव का केंद्र, हमारा तमिलनाडु और तमिल संस्कृति है। ये संगम भी गंगा यमुना के संगम जितना ही पवित्र है।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में संगमों का बड़ा महत्व रहा है। नदियों और धाराओं के संगम से लेकर विचारों-विचारधाराओं, ज्ञान-विज्ञान और समाजों-संस्कृतियों के संगम का हमने जश्न मनाया है। इसलिए काशी तमिल संगमम् अपने आप में विशेष है, अद्वितीय है। काशी और तमिलनाडु दोनों शिवमय हैं, दोनों शक्तिमय हैं। एक स्वयं में काशी है, तो तमिलनाडु में दक्षिण काशी है। काशी-कांची के रूप में दोनों की सप्तपुरियों में अपनी महत्ता है। गौरतलब है कि ‘काशी तमिल संगमम्’ में आए सभी तमिल संतों ने किए काशी विश्वनाथ के दर्शन किए। यह संगमम् एक माह तक चलेगा।