लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का आज निधन हो गया। उन्होंने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली। भारतीय राजनीति और अपने समर्थकों के बीच ‘नेताजी’ के नाम से जाने जाने वाले 82 वर्षीय मुलायम सिंह पिछले काफी दिनों से कई गंभीर बिमारियों से ग्रस्त थे। मुलायम सिंह यादव पिछले कुछ वर्षों में कई बार मेदांता अस्पताल में भर्ती हो चुके थे, लेकिन उनकी सेहत में कुछ खास सुधार नहीं हो रहा था।
कुछ समय पहले ही मुलायम सिंह की दूसरी पत्नी साधना सिंह का निधन हुआ था। मुलायम सिंह राजनीति से लेकर अपने पारिवारिक मामलों के लिए हमेशा से सुर्खियों में रहे। राजनीति में उनकी भूमिका काफी अहम और दमदार रही थी। देश के रक्षा मंत्री के पद पर रहने वाले मुलायम सिंह तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे। इस समय में इटावा लोकसभा से समाजवादी पार्टी के सांसद थे।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सपा संरक्षक मुलायम सिंह का मुख्य पेशा खेतीबाड़ी था। वे खेती बाड़ी करके और लोकसभा से मिलने वाले वेतन के जरिए से उनकी कमाई होती थी। 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग के सामने दिए गए हलफनामे के अनुसार उस वक्त उनके बैंक खाते में 56 लाख रुपये जमा थे और लगभग 16 लाख रुपये की नगदी थी।
पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव इटावा के सैफई के रहने वाले थे। उनके पास खेती बाड़ी के लायक करोड़ों की संपत्ति थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक, मुलायम के पास सात करोड़ रुपये से अधिक की कृषि भूमि थी। साथ ही 10 करोड़ रुपये से ज्यादा की गैर कृषि भूमि है। उनके पास एक टोयोटा कार थी, जिसकी कीमत लगभग 17 लाख रुपये से अधिक है। लगभग 50 हजार से ज्यादा कीमत का उनके पास एलिमिनेटर वाहन भी है। घर की बात करें तो मुलायम सिंह का लखनऊ में घर है, जहां वह पत्नी साधना के साथ रहते थे। इटावा में भी उनका एक प्लॉट था।
इसके साथ ही वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान दिए हलफनामे के मुताबिक, मुलायम सिंह यादव करीब 15 करोड़ से अधिक की संपत्ति के मालिक हैं। नामांकन दाखिल करते समय शपथ पत्र में उन्होंने अपनी चल-अचल संपत्ति 16 करोड़ 52 लाख 44 हजार 300 रुपये बताई थी। हालांकि इसके पहले साल 2014 लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह ने 11 करोड़ रुपये की संपत्ति की घोषणा हलफनामे में बताई थी। अब उनके निधन के बाद वे अपने पीछे कई करोड़ों की जमीन, घर समेत कई चल-अचल संपत्ति छोड़ गए हैं। जिनपर अब उनके बेटों का मालिकाना हक होगा।ं