जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बहादुर गांव वालों को 5 लाख रुपए के इनाम की घोषणा की

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ग्रामीणों ने लश्कर के 2 आतंकियों को दबोचा, उपराज्यपाल ने किया इतने लाख के इनाम का ऐलान
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बहादुर गांव वालों को 5 लाख रुपए के इनाम की घोषणा की है। वहीं डीजीपी ने भी ग्रामीणों को 2 लाख नकद इनाम देने की घोषणा की है। पकड़े गए आतंकियों की पहचान फैजल अहमद डार और राजौरी के तालिब हुसैन के रूप में हुई है।
जम्मू-कश्मीर के तुकसान गांव से लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादी गिरफ्तारगांव वालों ने दोनों को पकड़कर किया पुलिस के हवालेआतंकियों के पास से 2AK-47 राइफल, 7 ग्रेनडेस और 2 पिस्टल बरामद
जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले के तुकसान गांव से लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादी पकड़े गए हैं। इन आतंकवादियों को ग्रामीणों की मदद से पुलिस ने गिरफ्तार किया कर लिया है। इनके पास से 2AK-47 राइफल, 7 ग्रेनडेस और 2 पिस्टल बरामद हुए हैं। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बहादुर गांव वालों को 5 लाख रुपए के इनाम की घोषणा की है। वहीं डीजीपी ने भी ग्रामीणों को 2 लाख नकद इनाम देने की घोषणा की है। पकड़े गए आतंकियों की पहचान फैजल अहमद डार और राजौरी के तालिब हुसैन के रूप में हुई है।
अमरनाथ यात्रियों पर हमला करने वाले थे पुलिस के मुताबिक जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में भारी हथियारों से लैस लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादियों को पकड़कर गांव वालों ने पुलिस के हवाले किया। लश्यर तैयबा ने अमरनाथ यात्रा पर हमला करने की साजिश रची थी। इसके लिए जम्मू-श्रीनगर नेशलन हाईवे पर अमरनाथ यात्रियों को निशाना बनाया जाना था। पकड़े गए गोला बारूद से अंदाजा लगाया जा सकता है कि दोनों आतंकी बड़ा हमला करने वाले थे। गनीमत रही कि समय रहते स्थानीय लोगों ने उनको पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया। सालों से आतंकियों के निशाने पर अमरनाथ यात्रा करीब दो वर्ष बाद इस साल जब से अमरनाथ यात्रा की घोषणा हुई है, तब से अब तक कई आतंकी गिरफ्तार हो चुके हैं।आतंकी हमले के खतरे को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। अमरनाथ यात्रा पर पहली बार आतंकी हमला 1993 में हुआ था। फिर आतंकियों ने साल 2000 में अमरनाथ यात्रा पर सबसे बड़ा हमला किया था। पहलगाम बेसकैंप में आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर श्रद्धालुओं समेत कुल 35 लोगों की हत्या कर दी थी। इसके बाद आतंकियों ने 2001 में 12 श्रद्धालुओं की हत्या कर दी। 2002 में आतंकियों के हमले में 10 श्रद्धालुओं की जान चली गई। इसके बाद वर्ष 2006 में एक बार फिर आतंकियों ने अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाया। 2006 के बाद से यात्रा शांतिपूर्ण तरीके से चलती रही और आतंकियों ने अमरनाथ यात्रा पर हमला नहीं किया। लंबे अंतराल बाद वर्ष 2017 में आतंकियों ने अमरनाथ श्रद्धालुओं को लेकर जा रही बस को निशाना बनाया। 10 जुलाई 2017 को हुए इस हमले में 7 अमरनाथ यात्रियों की मौत हो गई जबकि 32 लोग घायल हो गए।

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