भूसा की किल्लत को लेकर जिले में पहली बार मचा हाहाकार

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पीलीभीत। तराई के जिले में पहली बार भूसा की किल्लत को लेकर हाहाकार मचा है। डेयरी संचालक भूसे की कालाबाजारी के विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं। मंगलवार रात को डेयरी संचालकों ने असम चौराहे पर जमकर हंगामा किया। पुलिस ने भूसा भरी गाड़ियों की चेकिंग कर मंडी समिति में खड़ी कराईं।
दूसरी तरफ भूसा की कालाबाजारी के चलते कीमतें भी आसमान छू रही हैं। तीन से चार सौ रुपये प्रति क्विंटल बिकने वाला भूसा आज एक हजार से ऊपर बिक रहा है। जिले में गेहूं 1, 42, 299 हेक्टेयर में फसल की पैदावार हुई है। एक हेक्टेयर में भूसे की पैदावार करीब 75 क्विंटल के आस पास होती है। इसके बाद भी जिले में भूसे को लेकर किल्लत बनी हुई है। इसका मुख्य कारण भूसे की कालाबाजारी। जिले में पहली बार भूसे की इतनी जबरदस्त किल्लत हुई है। तराई के इस जिले में पशुओं के चारा को लेकर कभी संकट नहीं मंडराया, मगर फैक्टरी और भट्टों में इस्तेमाल से भूसे के दाम में जबरदस्त वृद्धि हुई है। मंगलवार से शहर के डेयरी संचालक कालाबाजारी रोकने के लिए सड़कों पर उतर आए। दोपहर में विरोध प्रदर्शन के बाद रात करीब साढ़े नौ बजे असम चौराहा स्थित पुलिस चौकी पर पहुंचकर हंगामा शुरू कर दिया। सूचना पर पहुंचे सुनगढ़ी इंस्पेक्टर बलवीर सिंह ने लोगों को समझा बुझाकर शांत किया और भूसे की गाड़ियों को रोककर मंडी समिति में खड़ी कराई, जो जिले से भूसा लेकर बाहर जा रहीं थीं। उनको भी मंडी में खड़ा कराया गया है।
पैसे देेते हैं, इसलिए गाड़ी क्यों रोकें
डीएम ने एक सप्ताह पहले फरमान जारी करते हुए जिले से भूसा बाहर ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया था। मगर भूसे के कारोबारियों पर डीएम का आदेश भी बेअसर दिखाई दे रहा है। असम चौराहे पर जब हंगामा करते हुए डेयरी संचालकों ने भूसे की गाड़ी को रोका तो गाड़ी में बैठा एक कारोबारी ने डेयरी संचालकों को तपाक से जबाव देते हुए कहा कि पैसे देते हैं इस लिए गाड़ी कोई नहीं रोक सकता। हालांकि पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए गाड़ी को रोक लिया था। मगर कारोबारी मौका देखकर भाग गया।
…और चालक देने लगा पैसे
असम चौराहे पर हंगामा के दौरान जब कुछ डेयरी संचालक ट्रकों को रोक रहे थे। तो इसी दौरान एक ट्रक चालक चौकी के पास कुछ और समझकर एक डेयरी संचालक को पैसे देने लगा था। इस पर वह चिल्लाने लगा कि यह पैसे क्यों दे रहा है। मामला काफी देर तक चर्चा का विषय बना रहा। इसी दौरान चार डेयरी संचालकों और चौकी इंचार्ज कमलेश कुमार को इंस्पेक्टर ने ट्रकों को चेक करने भेज दिया।
तड़के होते ही फिर शुरू हो गया हंगामा
रात में मामला शांत होने के बाद बुधवार को तड़के फिर शहर के डेयरी संचालक नौगवां चौराहा स्थित एक धर्मकांटा पर पहुंच गए। भूसा भरे वाहनों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया। मामले की अफसरों को भनक लगतेे हुए सभी संचालकों को बुलाकर वार्ता करने का आश्वासन दिया। इसके बाद संचालक शांत हो गए।
डेयरी संचालकों से बात की गई है। भूसा जिले से बाहर नहीं जाने दिया जाएगा। जो भूसा भरे ट्रक पुलिस ने पकडे़ हैं। उनको गोशाला भिजवाया जाएगा। जिले से भूसा ले जाने पर पूर्णतया प्रतिबंध है। – पुलकित खरे, डीएम

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