थल (पिथौरागढ़)। पौराणिक, व्यापारिक व सांस्कृतिक ठुल थल म्याल की रात उत्तराखंड के लोक गायकों के नाम रही। उत्तराखंड स्टार नाइट कार्यक्रम में गायिका दीपा नगरकोटी ने धुर डाणा बुरशी फूली रे समेत अन्य गीतों की प्रस्तुति से खूब वाहवाही बटोरी।
शुक्रवार रात मुख्य अतिथि गंगोलीहाट के विधायक फकीर राम टम्टा, विशिष्ट अतिथि पूर्व दर्जा राज्य मंत्री शमशेर सत्याल, चांदनी इंटरप्राइजेज यू ट्यूब के निर्देशक नवीन टोलिया, बागेश्वर के डिप्टी सीएमओ नेत्र सिंह टोलिया, सामाजिक कार्यकर्ता राम सिंह जंगपांगी ने कार्यक्रमों का शुभारंभ किया। लोक गायकों ने श्रोताओं के लिए एक से बढ़कर एक गीत पेश किए। कैलाश कुमार ने चैती गीत कफुवा बासछ मेरी बैना नरैणा एगो चैत मैणा गाकर सबको भाव विभोर कर दिया। इसके बाद सांस्कृतिक संध्या खटीमा से आए प्रह्लाद महरा एंड पार्टी के नाम रही। टीम ने ऐजा रे ऐजा ऐजा म्यारा दानपुरा, बेडू पाको बरमासा सहित अपने एलबम के कई गीतों पर सामूहिक नृत्य पेश कर देर रात तक श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। मेला समिति के कोषाध्यक्ष प्रवीण जंगपांगी, सचिव अर्जुन रावत, सह व्यवस्थापक बबलू सामंत, संरक्षक गंगा सिंह मेहता ने सभी अतिथियों को शॉल ओढ़ाकर और स्मृति चिह्न देकर स्वागत किया। टीम लीडर अरशद खान के मां शारदे म्यूजिकल ग्रुप अल्मोड़ा ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में संगीत दिया। संचालन समिति के उपाध्यक्ष कृष्ण गोपाल पंत ने किया। समिति अध्यक्ष दिनेश चंद्र पाठक ने सफल आयोजन पर आभार जताया। मेले की स्टार नाइट में मनोहर आर्या ने थल की बजार कमला न मार लटका, चंद्र प्रकाश ने मैं जाछु कमला यो गंगा पार, मनीष कुमय्या ने पहाड़क ठंडो पाणि, कैलाश कुमार ने सुरति ले मैं कि करूल करम ले जोगाणी है बैर, नीरज चुफाल ने अल्मोड़ा अंग्रेज आयो टैक्सी में मेर झुमका रेगो बक्श मा, सुमित कुमार ने तेरे नैना, प्रह्लाद महरा ने पहाड़ की चैली ले, सुंदर बाफिला ने सोचेंगे तुम्हें, प्रमोद पांगती ने मेर पहाड़ क ठंड पाणि, सागर कुमार ने अंग्रेजी फैशन देसी चाल… गाकर दर्शकों की खूब वाहवाही बटोरी।
मेहंदी, सुलेख, सामान्य ज्ञान आदि प्रतियोगिताएं हुईं
थल(पिथौरागढ़)। मेले के दौरान जूनियर और सीनियर वर्ग के स्कूली बच्चों की सुलेख, सामान्य ज्ञान और मेहंदी प्रतियोगिता भी हुई। इसमें विभिन्न विद्यालयों के 100 से भी अधिक बच्चों ने प्रतिभाग किया। प्रतियोगिताओं को संपन्न कराने में बिक्रम कठायत, सीमा बिष्ट, जगदीश पाठक, संजय चंद, गंगा बिष्ट, मनोहर क्वीरियाल, विपिन उपाध्याय, महेंद्र बिष्ट ने सहयोग दिया। विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।