नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक हुई। इसमें 15 हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (एलसीएच) की लिमिटेड सीरीज प्रोडक्शन के तहत खरीद को मंजूरी दी गई। इस पर 3,887 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है। इन हेलीकाप्टरों के रख-रखाव के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट को लेकर 377 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं।
दरअसल, लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (एलएसपी) एक स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित अत्याधुनिक आधुनिक लड़ाकू हेलीकॉप्टर है। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इसमें मूल्य के हिसाब से 45 फीसदी स्वदेशी सामग्री का प्रयोग किया गया है। वहीं, इसके एसपी संस्करण में मूल्य के हिसाब से स्वदेशी सामग्री का 55 फीसदी से अधिक प्रयोग किया जाएगा।
वहीं, LCH दुनिया का एकमात्र हमला करने वाला हेलीकॉप्टर है, जो 5000 मीटर की ऊंचाई पर हथियारों और ईंधन के काफी भार के साथ उतर और उड़ान भर सकता है। यह बर्फ की चोटियों पर माइनस 50 डिग्री सेल्सियस से लेकर रेगिस्तान में 50 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान में भी प्रभावी है।
रक्षा मंत्रालय ने बीईएल के साथ किया अनुबंध
वहीं, रक्षा मंत्रालय ने भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड (बीईएल) के साथ 3,102 करोड़ रुपये के दो अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए हैं। अनुबंध बेंगलुरु और हैदराबाद इकाइयों के साथ किया गया है। इसके मुताबिक, रक्षा मंत्रालय और बीईएल-बेंगलुरु ने वायुसेना के युद्धक विमानों के लिए एडवांस्ड इलेक्ट्रानिक वारफेयर (ईडब्ल्यू) सूट की आपूर्ति के लिए अनुबंध किया है। इसकी कुल लागत लगभग 1,993 करोड़ रुपये बताई जा रही है। वहीं, बीईएल-हैदराबाद वायुसेना को इंस्ट्रूमेंटेड इलेक्ट्रानिक वारफेयर रेंज (आइईडब्ल्यूआर) की आपूर्ति करेगा। इसकी लागत करीब 1,109 करोड़ रुपये बताई जा रही है।