वृद्धावस्था पेंशन: लाभार्थियों की संख्या से जुड़ी याचिका पर दिल्ली सरकार से उच्च न्यायालय ने जवाब मांगा

110
Share

एजेंसी समाचार
नई दिल्ली। उच्च न्यायालय ने वृद्धावस्था सहायता नियम-2009 के तहत पेंशन पात्र लाभार्थियों की संख्या सीमा तय करने संबंधी निर्णय को चुनौती याचिका पर दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। दायर याचिका में तय सीमा खत्म करने व वृद्धों को मिलने वाली दो हजार राशि बढ़ाने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है। मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने मामले की सुनवाई 29 अप्रैल तय की है। याची ने तर्क रखा कि पेंशन पाने वाले 60 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों की तय सीमा जनसंख्या के वर्तमान अनुपात के अनुपात में नहीं है जो लाभ के लिए पात्र हैं। याचिका में अधिकारियों को नियमों के तहत पेंशन की दर की समीक्षा करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है। जिसमें कहा गया है कि मौजूदा दो हजार रुपये मासिक खर्च को देखते हुए काफी कम है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता वरिष्ठ अधिवक्ता संजय घोष ने तर्क दिया कि तय नियमों में पात्र व्यक्तियों की संख्या के संबंध में कोई सीमा तय नहीं की गई। पेंशन का उद्देश्य निराश्रित, वृद्ध व्यक्तियों को वित्तीय सहायता के माध्यम से सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है।
याचिकाकर्ता ने तर्क दिया है कि 2014 में अधिकारियों ने बराबरी के बीच एक वर्ग बनाकर मनमाने ढंग से एक सीलिंग सीमा लगाई गई थी जो न केवल भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 का उल्लंघन है बल्कि कल्याण योजना के पीछे के उद्देश्य को के भी खिलाफ है। याची ने दावा किया कि नियमों के तहत वर्तमान अधिकतम सीमा 5.3 लाख है जबकि पेंशन के लाभ 4.02 लाख लोगों का भी मिल रहा है।

LEAVE A REPLY