तीसरी लहर, आठ में से छह लोग थे इन बीमारियों से पीड़ित
गोरखपुर। कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को हल्के में लेना लोगों को भारी पड़ रहा है। संक्रमण की तीसरी लहर किडनी, लिवर और हृदय के मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो रही है। पिछले पांच दिनों में आठ लोगों की मौत हुई है। इनमें से छह संक्रमित किडनी और लिवर की गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे। एक मामले में मरीज हृदय रोगी था। इससे पहले की दोनों लहरों में भी किडनी और लिवर की बीमारियों से पीड़ित लोगों की जान ज्यादा गई थी।
तीसरी लहर में बीआरडी मेडिकल कॉलेज के कोविड वार्ड में आठ मौतें हो चुकी हैं। इनमें पांच साल के एक मासूम, 12 साल के एक बालक समेत बुजुर्ग और युवा हैं। कोविड वार्ड के इंचार्ज डॉ. अजहर अली ने बताया कि जिन संक्रमितों की मौतें हुईं, उन्हें किडनी, लिवर और हृदय से संबंधित बीमारियां थीं। संक्रमण की वजह से उनकी हालत ज्यादा खराब हो गई थी। इनके अलावा पांच साल के जिस मासूम की मौत हुई थी, उसके दिल में छेद था। एक बालक का गुर्दा खराब हो चुका था।
सामान्य बीमारी वाले मरीजों की मौत इस बार नहीं हुई है। जबकि, पहली और दूसरी लहर में सामान्य बीमारी वाले मरीजों की भी जान गई थी। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार ने बताया कि अब तक कोरोना से जो मौतें हुई हैं, उनमें से ज्यादातर को किडनी, लिवर संबंधी, टीबी, हृदय या अलग-अलग गंभीर बीमारियां थीं।
दोनों लहरों में 850 संक्रमितों की गई जान
कोरोना की पहली और दूसरी लहर में 850 लोगों की संक्रमण से जान गई। इन मौतों के आंकड़े सरकार के रिकॉर्ड में दर्ज हैं। वहीं सरकारी आंकड़ों के इतर कोरोना संक्रमण से जान गंवाने वालों के आश्रित, जिन्हें अनुदान दिया गया, उनकी संख्या तीन हजार के आसपास है।
डेल्टा के मुकाबले खतरा कम लेकिन जानलेवा
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ अमरेश सिंह ने बताया कि कोरोना के नए वैरिएंट को सामान्य समझने की गलती भारी पड़ सकती है। यह डेल्टा के मुकाबले कम घातक है, लेकिन यह भी जानलेवा है। अन्य बीमारियों से पीड़ितों पर वायरस का हमला ज्यादा घातक है। अच्छी बात यह है कि वैक्सीन की वजह से लोग इससे जल्दी उबर जा रहे हैं।