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हाईकोर्ट : निचली अदालतों में सही तरीके से लिखे जाएं बयान व आदेश, सुधार न होने पर कार्रवाई की चेतावनी
उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा है कि आदेश के बावजूद अगर जिम्मेदार अफसर या कर्मचारी ऐसा नही करता है तो उसे कदाचार की श्रेणी में रखा जाएगा और उससे स्पष्टीकरण लेते हुए उसके खिलाफ करवाई की जाएगी। यह आदेश हाईकोर्ट के महानिबंधक आशीष गर्ग की ओर से जारी किया गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश की सभी निचली अदालतों, न्यायाधिकरणों, परिवार न्यायालयों को मुकदमों में लिए जाने वाले बयान, आदेश को सही तरीके से लिखने का आदेश दिया है।हाईकोर्ट ने कहा है कि आदेश के बावजूद अगर जिम्मेदार अफसर या कर्मचारी ऐसा नहीं करता है तो उसे कदाचार की श्रेणी में रखा जाएगा और उससे स्पष्टीकरण लेते हुए उसके खिलाफ करवाई की जाएगी। यह आदेश हाईकोर्ट के महानिबंधक आशीष गर्ग की ओर से जारी किया गया है। आदेश में कहा गया है कि कुछ मामलों में ऐसा देखने को मिला है कि निचली अदालतों में लिखे जाने वाले गवाहों या पीड़ितों के बयान सही तरीके से नहीं लिखे गए हैं। यही हाल आदेशों के मामले में भी है। आॅर्डरशीट भी अपठनीय है।पेशकार और रीडर्स को विशेषतौर पर दिया निर्देश
महानिबंधक ने अपने आदेश में कहा है कि अब आगे से अगर किसी का बयान लिया जाता है या आॅर्डरशीट पर कोई आॅर्डर किया जाता है तो उसे इस तरह लिखा जाए की पढ़ने में कठिनाई का सामना न करना पड़े। बयान और आदेशों को साफ -साफ लिखे जाएं। महानिबंधक ने इस मामले में पेशकार/रीडर्स को विशेषतौर पर निर्देशित किया है।कहा है कि अगर कोई भी कर्मचारी इस आदेश का पालन नहीं करता है तो उसे कदाचार की श्रेणी में माना जाएगा तो उसके खिलाफ करवाई की जाएगी। हाईकोर्ट ने इस संबंध में लखनऊ खंडपीठ के एक आदेश का हवाला भी दिया है। कहा कि सभी निचली अदालतें कोर्ट के आदेश का पालन कराएं।

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