दरिंदों की फांसी की तारीख फिर टली, मामले पर सुनवाई कल

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एजेंसीं न्यूज
नई दिल्ली। निर्भया के दोषियों को फांसी की नई तारीख बुधवार को फिर जारी नहीं हुई। अदालत ने इस केस की सुनवाई गुरुवार तक के लिए टाल दी। इस दौरान कोर्ट में मौजूद हुई निर्भया की मां वहीं रो पड़ीं और जज से दोषियों के नाम डेथ वारंट जारी करने की अपील की। उन्होंने अदालत से पूछा कि मेरे अधिकारों का क्या होगा? मैं हाथ जोड़कर आपके सामने खड़ी हूं। प्लीज डेथ वारंट जारी कर दीजिए। मैं भी इंसान हूं। सात साल से भी ज्यादा का समय हो चुका है और ये कहते-कहते ही वह अदालत के अंदर रो पड़ीं। सुनवाई टल जाने के बाद नाराज मां अदालत के बाहर प्रदर्शन कर रही हैं और हमें न्याय चाहिए के नारे लगा रही हैं। उनके साथ महिला अधिकारों के लिए कार्य करने वाली योगिता भयाना भी हैं।
वहीं केंद्र और दिल्ली सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत में कहा कि चार दोषियों में तीन मुकेश, विनय और अक्षय के सभी कानूनी विकल्प समाप्त हो चुके हैं। चैथे दोषी पवन ने अभी तक क्यूरेटिव और दया याचिका दाखिल नहीं की है। मेहता ने कहा कि किसी को कानूनी विकल्प अपनाने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।
तुषार मेहता ने कहा कि जिनके विकल्प समाप्त हो चुके हैं उनकी फांसी की सजा पर अमल की इजाजत मिलनी चाहिए। एक दोषी का कुछ न करना अन्य के लिए मददगार नहीं होना चाहिए। दया याचिका हर दोषी के व्यक्तिगत कारणों और आधारों पर निपटाई जाती है। उसका सभी दोषियों से या मुख्य मामले से कोई लेना-देना नहीं होता। इस मामले में चारों दोषियों को सुप्रीम कोर्ट तक से 2017 में फांसी की सजा हो चुकी है। लेकिन दोषी लगातार कानूनी पेचों का फायदा उठाकर सजा में देरी कर रहे हैं। मेहता ने दुष्कर्म के आरोपितों के हैदराबाद में पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने का उदाहरण देते हुए कहा कि वह उस घटना को सही नहीं ठहरा रहे। लेकिन, उस घटना पर लोगों ने खुशी मनाई थी। यह दर्शाता है कि लोगों का व्यवस्था से विश्वास उठने लगा है।

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