रुड़की। केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआइ) रुड़की में अंतरराष्ट्रीय डार्विन दिवस पर बुधवार को विद्यार्थी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान संस्थान के वैज्ञानिकों ने विभिन्न विषयों पर व्याख्यान देकर छात्रों का ज्ञानवघ्र्द्धन किया।
जिज्ञासा विद्यार्थी-वैज्ञानिक संयोजन कार्यक्रम के तहत संस्थान के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डॉ. अचल मित्तल ने भवनों की भूकंप सुरक्षा के सिद्धांत विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने विभिन्न इमारतों में भूकंप जोखिम, भूकंपरोधी निर्माण तकनीकियों और सुरक्षित निकास उपायों के विषय में बताया। संस्थान के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डॉ. एलपी. सिंह ने श्भवन निर्माण सामग्रियां-प्राचीन काल से भविष्य तकश् विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने निर्माण में प्रयुक्त मुख्य सामग्रियों जैसे-ईंट, बालू, सीमेंट आदि के वैज्ञानिक संरचना और महत्व को समझाया। भविष्य में उपयोग करने वाली संभावित उन्नत निर्माण सामग्रियों पर चल रहे अनुसंधान के बारे में भी जानकारी दी। संस्थान के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक एवं जिज्ञासा कार्यक्रम समन्वयक डॉ. अतुल अग्रवाल ने बताया कि प्रतिवर्ष महान जीवविज्ञानी चाघ्र्ल्स रॉबर्ट डार्विन के जन्म दिवस और उनकी प्रसिद्ध पुस्तक श्ओरिजिन आफ स्पीशीजश् के प्रकाशन की वर्षगांठ पर यह दिवस मनाया जाता है। उन्होंने श्डार्विन और क्रम-विकासरू योग्यतम की उत्तरजीविताश् विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने डार्विन के जीवविज्ञान और क्रम-विकास के सिद्धांतों को समझाया। बताया कि डार्विन का मानना था कि जीवों में भिन्नता होती है। प्रत्येक जीव एक-दूसरे से थोड़ा अलग होता है। इन विविधताओं के कारण, प्राकृतिक चयन के अनुसार कुछ जीवों के जीवित रहने और पुनरू उत्पन्न होने की अधिक संभावना होती है। कार्यक्रम में राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, सोहलपुर, बहादराबाद, हरिद्वार के विद्यार्थी, प्रधानाचार्य बीपी. सकलानी व संदीप सिंह, रश्मी, निधि आदि शिक्षक और संस्थान के डॉ. अशोक कुमार, अनिल कुमार, दिलशाद, पलक गोयल भी मौजूद रहे।