देहरादून। रोडवेज मुख्यालय ने सभी डिपो एवं बस अड्डों पर बैठे लिपिकों के मानक तय कर दिए हैं। जो परिचालक जुगाड़बाजी से लिपिक बने बैठे हैं उन्हें बसों पर भेजा जाएगा। प्रबंध निदेशक रणवीर सिंह चैहान ने सभी डिपो के लिए आदेश जारी किए कि केवल मेडिकल बोर्ड से प्रमाण पत्र लेने वालों को ही अक्षम माना जाएगा।
रोडवेज के प्रबंध निदेशक रणवीर सिंह चैहान ने प्रदेश के सभी डिपो व बस अड्डों में तैनात लिपिकों की रिपोर्ट की समीक्षा की। इसमें पाया गया कि दून मंडल में 231, नैनीताल मंडल में 217 व टनकपुर मंडल में 81 जबकि देहरादून एवं दिल्ली के कश्मीरी गेट समेत आनंद विहार आइएसबीटी पर 37 लिपिकों की जरूरत है।
समीक्षा में पाया गया कि मौजूदा समय में स्वीकृत पदों के सापेक्ष लिपिकों की कम संख्या का लाभ लेकर कई परिचालक खुद को अक्षम बताकर जुगाड़बाजी से डिपो में लिपिक पद पर डयूटी कर रहे। नियमानुसार परिचालक के लिए बसों पर डयूटी देने की अनिवार्यता है और उनके किमी भी तय हैं। ऐसे में अब जुगाड़बाजी से डटे परिचालकों को फिर बसों पर भेजा जाएगा।
इसके साथ ही लिपिक में अब महिला परिचालकों को वरीयता दी जाएगी। उन्हें छह-छह माह इस पद पर बैठाया जाएगा। लिपिक बनने को परिचालक को एक माह के अंदर कंप्यूटर ज्ञान हासिल करना होगा। व्यवस्था स्थायी नहीं, बल्कि अस्थायी होगी।