लोनिवि को मिली डोबरा-चांठी पुल के एंकर ब्लॉक की ट्रीटमेंट रिपोर्ट

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नई टिहरी। टिहरी झील पर बन रहे देश के सबसे लंबे डोबरा-चांठी सस्पेंशन ब्रिज के एंकर ब्लॉक (दोनों सिरों पर बने पुल का वजन झेलने वाले पिलर) की एक साल से लटकी ट्रीटमेंट रिपोर्ट सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीआरआरआइ) ने लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) को सौंप दी है। डोबरा-चांठी पुल के प्रोजेक्ट इंजीनियर एवं अधिशासी अभियंता लोनिवि एसएस मखलोगा का कहना है कि रिपोर्ट के अध्ययन के बाद ही एंकर ब्लॉकों के ट्रीटमेंट का कार्य शुरू किया जाएगा।
टिहरी झील पर बन रहे डोबरा-चांठी पुल का निर्माण कार्य वर्ष 2006 में शुरू हुआ था, लेकिन वर्ष 2010 में डिजाइन फेल होने के कारण इसे बंद कर देना पड़ा। तब तक पुल निर्माण पर 1.35 अरब की रकम खर्च हो चुकी थी। इसके बाद वर्ष 2016 में लोनिवि निर्माण खंड ने 1.35 अरब की लागत से दोबारा निर्माण कार्य शुरू किया। पुल का नया डिजाइन दक्षिण कोरिया की कंपनी योसीन से तैयार कराया गया। तब से कार्य तेजी से चल रहा था, लेकिन 23 अगस्त 2018 को पुल के चांठी एबेडमेंट की तरफ लगाए जा रहे तीन सस्पेंडर (पुल के बेस को लटकाने वाले लोहे के रस्से) अचानक टूट गए। इससे पुल का निर्माणाधीन हिस्सा टेढ़ा हो गया।
इस हादसे से सबक लेते हुए लोनिवि ने वर्ष 2008 में बने पुल के एंकर ब्लॉकों की जांच कराने का फैसला किया। इसी कड़ी में दिल्ली स्थित सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट की टीम से वर्ष 2018 में एंकर ब्लॉकों का निरीक्षण कराया गया। लेकिन, सीआरआरआइ की टीम ने एक साल बाद भी लोनिवि को ट्रीटमेंट रिपोर्ट नहीं सौंपी। इस संबंध में श्दैनिक जागरणश् ने अपने 21 जनवरी के अंक में विस्तृत खबर प्रकाशित की थी। इसका असर यह हुआ कि सीआरआरआइ ने अब लोनिवि को रिपोर्ट भेज दी है।

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