देहरादून। पीएम नरेंद्र मोदी गुरू बनकर देशभर के छात्रों से रूबरू हुए। टीवी, कंप्यूटर, प्रोजेक्टर, रेडियो के साथ ही वर्चुअल क्लास के जरिये लाखों छात्र-छात्राओं ने परीक्षा में तनाव से मुक्ति और छात्र जीवन साधने का गुरुमंत्र पीएम से लिया। ये तो है परीक्षा पे चर्चा की बात। त्रिवेंद्र जी, ये कुछ सवाल आपके खाते के हैं। पूछने वाले पूछ रहे हैं कि सीएम के सामने पीएम मोदी के समझाए और सुझाए मार्ग पर कदम बढ़ाने में आखिर अड़चन क्या है। यही वर्चुअल क्लास छात्रों, उनके अभिभावकों और गुरुजनों की सुध संवाहक बन सकती है। डबल इंजन का दम सिर्फ केंद्रीय योजनाओं में पैसे और ताकत लेने तक न सिमटे तो ही बेहतर। कुछ करने का जज्बा धड़धड़ाकर जन संवाद से जुड़ जाए, बात जुदा हो जाती है। यहां बात 2022 में यानी भविष्य के वोटरों के लिहाज से कतई नहीं है। उत्तराखंड डबल इंजनधारी है।
सूबे का सबसे बड़ महकमा शिक्षा। सालाना 6200 करोड़ से ज्यादा बजट। सरकारी स्कूलों में तेजी से कम हो रहे बच्चे। सैकड़ों स्कूलों के बंद हो गए। सैकड़ों पर बंद होने की नौबत। जनाब ये हाल तब हैं, जब हर साल जोरशोर से प्रवेशोत्सव मनाया जा रहा है। तनाव ही तनाव। ऐसे में सुनाई दिया की दिल्ली में हैप्पीनेस पाठ्यक्रम का संगीत बज रहा है। उत्तराखंड में भाजपा सरकार और दिल्ली में अपनी नहीं, श्आपश् की सरकार। ऐसे में पाठ्यक्रम की नकल से जगहंसाई थोड़े ही करवानी है।
वो तो पीएम कहते हैं तमाम सूबे एकदूसरे की अच्छाइयों से सीखें और उन्हें अपनाएं। साहब, इसी मंत्र के सहारे दिल्ली गए। बड़ा महकमा यानी बड़ी अक्ल। हैप्पीनेस हटा दिया। नए पाठ्यक्रम का नाम आनंदम है। कक्षा एक से आठवीं तक पहला पीरियड इसी पाठ्यक्रम का है। इसे कहते हैं शिक्षा सचिव राजन मीनाक्षी सुंदरम की तान। महकमे में जारी आनंदम गान।