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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून लागू करने के साथ ही राज्य के गैर मुस्लिम शरणार्थियों की सूची केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेज दी है। इस तरह उत्तर प्रदेश शरणार्थियों की लिस्ट तैयार कर केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजने वाला देश का पहला राज्य भी बन गया है। रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में 40 हजार गैर मुस्लिम शरणार्थी रह रहे हैं, जिसमें से 30-35 हजार सिर्फ पीलीभीत जिले में ही हैं।
नागरिकता संशोधन कानून बनने के बाद योगी सरकार ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को शरणार्थियों की सूची तैयार करने के लिए सर्वेक्षण कराने के निर्देश दिये थे। इस आदेश में सभी डीएम को पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के शरणार्थियों की पहचान करने के लिए कहा गया था। इसी क्रम में जिला प्रशासन ने सरकार को शरणार्थियों की सूची सौंपी है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी गई शरणार्थियों की सूची को श्उत्तर प्रदेश में आए पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के शरणार्थियों की कहानीश् नाम दिया है। इस सूची में हर शरणार्थी परिवार के साथ पड़ोसी मुल्कों में हुए अत्याचार और वहां उनके संघर्षमय जीवन का विवरण भी दर्ज है। उन्होंने बताया है कि ऐसी क्या परिस्थितियां बनी कि उन्हें अपना मुल्क छोड़कर भारत आना पड़ा।
मिली जानकारी के अनुसार सरकार ने आगरा, रायबरेली, सहारनपुर, गोरखपुर, अलीगढ़, रामपुर, मुजफ्फरनगर, हापुड़, मथुरा, कानपुर, प्रतापगढ़, वाराणसी, अमेठी, झांसी, बहराइच, लखीमपुर खीरी, लखनऊ, मेरठ और पीलीभीत समेत राज्य के 19 जिलों में लगभग 40 हजार गैर-मुस्लिम शरणार्थी रह रहे हैं। इसमें पीलीभीत जिले में सबसे अधिक शरणार्थी मिले हैं। वहां 30-35 हजार शरणार्थी रह रहे हैं। नागरिकता संशोधन कानून लागू होने के बाद पीलीभीत जिला प्रशासन ने इन शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता दिलाने के लिए प्रदेश के गृह विभाग और मुख्यमंत्री कार्यालय को सूची भेजी है।