राजीव गांधी के करीबी डीपी त्रिपाठी का निधन

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बड़ा नाम देवी प्रसाद त्रिपाठी यानी डीपी त्रिपाठी कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी का विरोध करने के कारण बेहद चर्चा में रहे। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी के बेहद करीबी डीपी त्रिपाठी का लंबी बीमारी के बाद गुरूवार को निधन हो गया। वह गले के कैंसर से पीडित थे। उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर के निवासी 67 वर्षीय देवी प्रसाद त्रिपाठी डीपीटी के नाम से भी विख्यात थे। सोनिया गांधी के विरोध में कांग्रेस से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में शामिल होने वाले पूर्व सांसद डीपी त्रिपाठी का जन्म 29 नवंबर 1952 को उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में हुआ था।
एनसीपी नेता डीपी त्रिपाठी अपने पीछे तीन बेटे छोड़ गए हैं। राजनीति की समझ और शानदार भाषण शैली की क्षमता को पहचानते हुए उन्हें राजीव गांधी का सलाहकार नियुक्त किया गया। राजीव गांधी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भी वह लंबे समय तक इस पद पर रहे।दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष रहे डीपी त्रिपाठी ने राजनीति की शुरुआत कांग्रेस से की थी। इसके बाद कांग्रेस को छोड़कर एनसीपी ज्वॉइन कर ली थी। वह शरद पवार के खास सिपहसलार थे। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से पॉलिटिकल साइंस में एमए करने के बाद उन्होंने जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी से भी पढ़ाई की थी।

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