भारतीयों को बर्बाद कर रहे हैं नेपाल के कैसिनो

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नैनीताल। नेपाल के कैसिनो जहां भारतीयों को बर्बाद कर रहे हैं, वहीं सुरक्षा में सेंध भी लगा रहे हैं। पड़ोसी देश के दोनों कैसिनो में प्रवेश कि लिए पहचान पत्र के तौर पर आधार कार्ड मांगा जाता है। जो सुरक्षा की दृष्टि से बेहद खतरनाक है। इससे न सिर्फ व्घ्यक्तिगत सुरक्षा प्रभावित होती है बल्कि देश की सुरक्षा की दृष्टि से भी यह खबतरनाक है। क्योंकि आधार कार्ड से देश के नागरिकों का समस्त डाटा जुड़ा हुआ है। ऐसे में इसके दुरुपयोग की आशंका बनी रहती है।
टनकपुर-बनबसा सीमा से लगे नेपाल के महेंद्रनगर में कई सालों से जुआ खिलाने के लिए कैसिनो खुला हुआ है। इस कैसिनो में जाने वाले अधिकतर लोगों में भारतीय शामिल हैं। यह कैसिनो सुबह दस से रात्रि दस बजे तक संचालित होता है। जिसमें अब तक सैकड़ों भारतीय अपनी जमा पूंजी लूटा चुके हैं। यह नहीं कई लोगों ने तो इससे परेशान होकर खुदकशी तक कर ली है, लेकिन इसके बावजूद भी लोगों पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। इसी बर्बादी के क्रम में लोगों को कंगाल करने के लिए नेपाल के गढ्ढा चैकी से छह किलोमीटर सूखासाल क्षेत्र में एक और कैसिनो खुल गया है। यह कैसिनो 12 घंटे नहीं बल्कि 24 घंटे संचालित हो रहा है।
कैसिनो में लगी मशीनें भारतीय लोगों को लाखों रुपये का लालच देकर उनसे लूट कर उन्हें बर्बाद कर रही हैं। यहीं नहीं इसके लिए कैसिनो संचालक की ओर से भारतीयों को मुफ्त में शराब भी बांटी जा रही है। अभी तक इन कैसिनों से चंपावत, उधमसिंह नगर, पिथौरागढ़, नैनीताल, देहरादून आदि जिलों के अलावा उत्तर प्रदेश व दिल्ली के अनेक स्थानों से यहां आए कई लोग करोड़ों रुपये गवां चुके हैं।
अकसर इन अड्डों में जुआ खेलने के लिए ज्यादातर शौकीन बनबसा से लगे सीमा क्षेत्र से ही वहां पहुंचते हैं। इन लोगों की सुविधा के लिए कैसिनो के संचालकों द्वारा अपने वाहनों से उन्हें छोडने के लिए भारतीय सीमा तक वाहन आते-जाते हैं। इस पर भारतीय प्रशासन ठोस कदम नहीं उठा पा रहा है। वहीं सीमा क्षेत्र में सुरक्षा एजेंसियों द्वारा भी इस ओर अनदेखी की जाती रही है।

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