एजेंसी न्यूज
नई दिल्ली। प्याज अगले साल फरवरी तक लोगों को आंसू देने वाला है। नई फसल तभी तक बाजारों में पहुंच पाएगी। वहीं तुर्की और श्रीलंका ने भारत को झटका देते हुए प्याज के आयात को पूरी तरह से रोक दिया है। इस वजह से इन देशों से भी प्याज की खेप नहीं आ पाएगी।
भारत द्वारा प्याज का आयात करने की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमतों में काफी इजाफा हो गया था। इस वजह के चलते तुर्की ने प्याज के आयात पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। वहीं श्रीलंका ने कागजी कार्यवाही को बढ़ा दिया है, जिससे वहां से प्याज आ नहीं सकेगा। अब केवल अफगानिस्तान से ही देश में प्याज की आपूर्ति हो रही है।
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, देश भर में अच्छी गुणवत्ता वाला प्याज खुदरा बाजार में 100 से 150 रुपये प्रति किलो की दर से मिल रहा है। लासलगांव में पिछले तीन दिन से 13 हजार कुंतल प्याज आ रहा है। पिछले साल इस समय यह आपूर्ति 27 हजार कुंतल थी। भारत में अभी अफगानिस्तान से वाघा बॉर्डर के रास्ते देश में प्याज आ रहा है। जनवरी के महीने में यह आपूर्ति और घट सकती है।
मुंबई के प्याज आयातक अजित शाह ने कहा कि विदेश से जो प्याज आ रहा है, उसकी कीमत 55 रुपये किलो है, लेकिन यह घरेलू बाजार में 65 रुपये प्रति किलो की दर से मिल रहा है। नवंबर में हुई बारिश की वजह से खरीफ सीजन में उगने वाली प्याज की फसल भी महाराष्ट्र और पड़ोसी राज्यों में खराब हो गए हैं।
विदेश से 790 टन प्याज की पहली खेप भारत पहुंच गई है और सरकार ने दिल्ली व आंध्र प्रदेश में इसकी आपूर्ति शुरू हो गई है। उपभोक्ता मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को बताया कि प्याज के बंदरगाह पर उतरने की लागत 57-60 रुपये किलो आई है। इसी लागत पर राज्यों को इसकी आपूर्ति की जाएगी।