केंद्र सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे श्रमिक, सचिवालय कूच के दौरान पुलिस ने रोका

238
Share

देहरादून। केंद्र सरकार पर श्रमिक विरोधी होने का आरोप लगाते हुए दून के श्रमिक सड़कों पर उतर आए हैं। सोमवार को सैकड़ों श्रमिकों ने रैली के रूप में सचिवालय कूच किया। पुलिस ने उन्हें कनक चैक पर बेरिकेडिंग लगाकर रोक दिया, तो श्रमिक वहीं धरने पर बैठ गए और सरकार के खिलाफ खूब नारेबाजी की।
सेवायोजन तिराहे पर सुबह जन हस्तक्षेप के बैनर तले सैकड़ों श्रमिक एकत्रित हुए। इसके बाद दुपहिया वाहन सवारों की अगुआई में श्रमिक रैली के रूप में तिब्बती मार्केट की ओर बढ़े। यहां से नारेबाजी करते हुए रैली ने सचिवालय कूच किया। लेकिन, पुलिस ने रैली को कनक चैक पर रोक लिया। श्रमिकों ने आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य सरकार की जन विरोधी नीतियों से गरीबों व श्रमिकों की हालत बद से बदतर हो रही है। जन संवाद समिति के सदस्य सतीश धौलाखंडी ने श्रमिकों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में गरीब और श्रमिक वर्ग के लिए संचालित कल्याणकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार किया जा रहा है।
उन्होंने आरोप लगाए कि निर्माण योजनाओं में श्रमिक के आवेदन पर कार्रवाई की समय सीमा तय नहीं है। पंजीकृत यूनियन को हाशिये पर कर दलाल और राजनीतिक व्यक्तियों की भूमिका का महत्व अधिक होने से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है। माकपा के वरिष्ठ नेता बची राम कंसवाल ने कहा कि केंद्र सरकार चार नए श्रमिक कानून लाने की तैयारी कर रही है। इन कानूनों से श्रमिकों के अधिकारों का हनन होगा। केंद्र सरकार वन अधिकार कानून-2006 को भी कमजोर करने का प्रयास कर रही है। आरोप लगाया कि हाल ही में नई राष्ट्रीय वन नीति भी बनाई गई है, लेकिन जनता को इसकी जानकारी नहीं दी गई।
प्रदर्शनकारियों ने सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा और श्रमिकों हित में नीति बनाने की मांग की। रैली में डॉ. एसएन सचान, शंकर गोपाल, पप्पू कुमार, ममता देवी, सुनीता देवी आदि शामिल रहे।

LEAVE A REPLY