उन्नाव मामले में विधायक कुलदीप सेंगर दोषी करार

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एजेंसी न्यूज
नई दिल्ली। उन्नाव केस में सोमवार को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने अहम फैसले में नाबालिग लड़की से दुष्कर्म मामले में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी करार दे दिया है। इस दौरान कोर्ट ने यूपी के दोषी विधायक के साथ पुलिस प्रशासन पर भी कई टिप्णियां कीं। वहीं, पूरे मामले की जांच कर रही केंद्रीय जांच एजेंसी को भी फटकार लगाई है। यह फटकार इस मामले में चार्जशीट देरी से दायर करने पर लगी।
सोमवार को तीस हजारी कोर्ट ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी करार देने के साथ सामूहिक दुष्कर्म की शिकार लड़की को नाबालिग माना है। वहीं, जज धर्मेंश शर्मा ने अपनी टिप्पणी में कहा कि इस मामले में पॉक्सो एक्ट के प्रावधानों को पूरी तरह से लागू नहीं किया गया, जबकि लड़की नाबालिग थी।
सोमवार को हुई सुनवाई के दौैरान कोर्ट सीबीआइ को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पीड़िता का बयान दर्ज करने के लिए सीबीआइ के पास कोई महिला अफसर नहीं था, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए था। इसके लेकर भी सीबीआइ को फटकार पड़ी। कोर्ट ने इस बात पर भी हैरानी जताई कि सीबीआइ ने पीड़ित लड़की के पास जाकर बयान लेने जगह उसे ही दफ्तर बुलाया गया। कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी ठहराने के दौरान यह टिप्पणी की कि दोषी एक ताकतवर इंसान है, जबकि पीड़ित गांव की एक साधारण लड़की है। वह किसी बड़े शहर से नहीं है, इसी वजह से केस दर्ज करवाने में देरी हुई।
कोर्ट ने यह भी कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि पीड़िता के दुष्कर्म हुआ और उसकी जान को भी खतरा था। बदले के लिए ही पीड़ित के परिजन के खिलाफ ही केस दर्ज करवाए गए। कुलदीप सिंह सेंगर के रुतबे के चलते ही पीड़िता के पिता के खिलाफ बयान दर्ज हुआ।
जिला जज धर्मेश शर्मा ने मामले की सुनवाई करते हुए आरोपी शशि सिंह को निर्दोष करार दिया। अब बुधवार यानी 19 दिसंबर को अदालत सजा की सुनवाई करेगी। मालूम हो कि पॉक्सो एक्ट के तहत सबसे कड़ी सजा आजीवन कारावास की होती है।

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