एजेंसी न्यूज
गुवाहाटी। असम में नागरिकता (संशोधन) विधेयक के खिलाफ दो छात्र संगठनों के राज्यव्यापी बंद के आह्वान के बाद ब्रह्मपुत्र घाटी में जनजीवन ठप्प है। नागरिकता (संशोधन) विधेयक सोमवार को लोकसभा से पारित हो गया। ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन और नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन की ओर से बुलाए गए 11 घंटे के बंद का असर बंगाली बहुल बराक घाटी में कुछ खास नहीं रहा। असम में ऑल स्टूडेंट्स यूनियन, नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन, वामपंथी संगठनों-एसएफआई, डीवाईएफआई, एडवा, एआईएसएफ और आइसा ने बंद आहूत की है। शहर के मालीगांव क्षेत्र में एक सरकारी बस पर पत्थरबाजी हुई और एक स्कूटर को आग के हवाले कर दिया गया। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दुकान, बाजार और कारोबारी प्रतिष्ठान इस दौरान बंद रहे। इसके अलावा शैक्षणिक और वित्तीय संस्थान भी पूरे दिन के लिए बंद हैं।
गुवाहाटी के विभिन्न क्षेत्रों में बड़े जुलुस निकाले गए। प्रदर्शनकारी नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 के खिलाफ नारे लगा रहे थे। पुलिस सूत्रों ने बताया कि सचिवालय और विधानसभा की इमारतों के बाहर गुवाहाटी में प्रदर्शनकारियों से सुरक्षा बलों की झड़प भी हुई क्योंकि पुलिस प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोक रही थी। रेलवे प्रवक्ता ने बताया कि पूरे असम में ट्रेन सेवा प्रभावित है क्योंकि रेलवे की पटरियों पर अवरोधक लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने नॉर्थ फ्रंटियर रेलवे मुख्यालय का प्रवेश द्वार भी यहां बंद करने की कोशिश की। बंद को देखते हुए सभी पहले से तय परीक्षाओं की समय-सारिणी बदल दी गई है। डिब्रूगढ़ जिले में बंद समर्थकों की झड़प सीआईएसएफ कर्मियों के साथ हुई। इनमें से तीन घायल हो गए क्योंकि ये ऑल इंडिया लिमिटेड के कर्मचारियों को कार्यालय में जाने से रोक रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही बंद कर दी और टायर जलाए। असमी फिल्मों के कलाकारों और गायकों ने चांदमारी क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया। कई कलाकारों ने उजान बजार में एक रैली में हिस्सा लिया। वहीं गुवाहाटी विश्वविद्यालय, कॉटन विश्वविद्यालय, असम कृषि विश्वविद्यालय के छात्रों ने भी इस विधेयक को तत्काल वापस लेने की मांग की।