हुकूमत एक्सप्रेस
मुरादाबाद। 6 दिसम्बर को लेकर शुक्रवार को पुलिस प्रशासन की ओर से कड़ी चैकसी बरती गई। न किसी को शौर्य दिवस मनाने दिया गया और न ही काला दिवस। अधिकारी फोर्स के साथ डटे रहे। हालांकि इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने एक ज्ञापन बारादरी चैराहे पर जिला प्रशासन को सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया कि बाबरी मस्जिद कौमी साझा विरासम के रूप में राष्ट्रीय एकता तथा राष्ट्र के गौरव का प्रतीक थी। राष्ट्रद्रोही तत्वों ने बाबरी मस्जिद को तोड़कर न केवल राष्ट्रीय एकता व अखण्डता को तोड़ने की कोशिश की बल्कि राष्ट्र के गौरव से खिलवाड़ किया। भारत के इतिहास में 6 दिसम्बर हमेशा एक काले दिवस के रूप में याद किया जायेगा। मांग की गयी कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर बाबरी मस्जिद तोड़ने वले के खिलाफ मुकदमें में तेजी लायी जाये। इस दौरान कौसर हयात खां, इशरत हुसैन एड0, मौ0 नईम, जमाल आलम, नाजिम अंसारी आदि मौजूद रहे।
वहीं 6 दिसम्बर पर जुमे का दिन पड़ने के कारण पुलिस प्रशासन को और ज्यादा सतर्क रहना पड़ा। जिले को 8 जोन और 20 सेक्टर में बांटा गया था। प्रत्येक जोन में सीओ और मजिस्ट्रेट की ड्यूटी लगाई गई थी तथा सेक्टरों में एसओ और इंस्पेक्टर मोर्चा संभाले रहे। संवेदनशील इलाको में सीसीटीवी कैमरे लगाये गये थे।