शंखचूड़ के लिए जीमूतवाहन ने दिया बलिदान

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उत्तरकाशी। उत्तराखंड संस्कृत अकादमी हरिद्वार के तत्वावधान में संस्कृत नाट्य यात्रा 2019-20 का गुरुवार को उत्तरकाशी में आयोजन किया गया। इस दौरान जीमूतवाहन के बलिदान को देखकर दर्शकों की आंखें नम हो गईं।
गुरुवार को जिला कलक्ट्रेट के प्रेक्षागृह में महाकवि हर्ष की ओर से रचित नागानंदन संस्कृत नाटक का मंचन किया गया। नाटक में दिखाया गया कि कैसे शंखचूड़ नाग को बचाने के लिए जीमूतवाहन ने अपने प्राणों का बलिदान दे दिया। कुछ दिन बाद शंखचूड़ गरुड़ को बताता है कि जीमूतवाहन ने उसके प्राण रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया है। यह सुनकर गरुड़ को पश्चाताप होता है और बाद में जीमूतवाहन समेत सभी नाग जीवित हो उठते हैं। नाटक में सभी कलाकारों ने शानदार अभिनय किया। नाटक समाप्त होते ही सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। इस मौके पर नगरपालिका बाड़ाहाट अध्यक्ष रमेश सेमवाल, संयोजक जयप्रकाश राणा, द्वारिका प्रसाद नौटियाल, शशि कुमाईं, प्रेमचंद्र शास्त्री, कन्हैया सारकि, गिरधर सिंह आदि मौजूद रहे।

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