मु0 रिज़वान
मुरादाबाद। सोशल मीडिया जितने काम की चीज है उतना ही कुछ लोग इसका दुरूपयोग कर इसे बदनाम कर रहे हैं। आज कल देखने में आ रहा है कि कुकुरमुत्तों की तरह उग आये व्हाट्सएप ग्रुपों में सूचनाओं के आदान प्रदान से ज्यादा मेम्बर्स एक दूसरे की टांग खीचने और निजता पर हमला करने में लगे है। कई बार झूठी अफवाहें भी व्हाट्एप ग्रुपों से फैलाकर माहौल खराब करने के असफल प्रयास भी किये जाते रहते है। हर संगठन, हर विभाग और हर पेशे से जुड़े लोगों ने थोक के भाव में हजारों व्हाट्सएप ग्रुप बना रखे है। इन ग्रुपों में ऐसे नकारात्म सोच वाले लोग भी एड हो जाते हैं जो ग्रुपों पर सूचनायें साझा करने के बजाये एक दूसरे की निजता पर हमला करते रहते है। लोगों के घरों के मामले व्हाट्सएप ग्रुपों में ‘‘सनसनीखेज खुलासा’’ के जरिये पेश किये जाते हैं। ग्रुप के मेम्बर्स आपस में ही एक दूसरे की टांग खीचने का कोई मौका जाने नहीं देते। कुल मिलाकर अधिकांश व्हाट्सएप ग्रुपों पर जनहित के कार्यो के बजाये अपने हित साधने का काम हो रहा है।
प्रशासन को चाहिये कि इसको लेकर कोई नियमावली बनायें और नियम कानूनों के तहत जनपद में व्हाट्सएप ग्रुपों का संचालन हो ऐसी व्यवस्था करे। ग्रुप एडमिन से लेकर ग्रुप के तमाम सदस्यो ंका ब्यौरा उनकी आईडी के साथ जिला प्रशासन के पास उपलब्ध हो। इससे फिर कुकुरमुत्तों की तरह उगते जा रहे व्हाट्सएप ग्रुपों पर जहां लगाम कसेगी तो वहीं कोई भी इनका दुरूपयोग करने की नहीं सोचेगा। शहर की अमन शान्ति बनाये रखने और सोशल मीडिया का दुरूपयोग रोकने के लिए आज यह अति आवश्यक हो गया है।