परवेज जैदी गांधी
मुरादाबाद। रमज़ानों के दिनों में भी रोजे़दार बिजली की किल्लत से जूझ रहे हैं। इफ्तार का वक्त हो या फिर सहरी का, उन्हें अंधेरे में ही बिजली विभाग को कोसते हुए अपने काम निपटाने पड़ रहे हैं। बिजली न होने से जहां इफ्तार के वक्त परेशानी होती है तो मस्जिदो में वुजू के पानी की समस्या हो जाती है। सहरी में भी बिजली गुल होने से रोजे़दारो को दिक्कत आ रही है। अंधाधुंध बिजली कटौती से इनवर्टर भी ठीक से चार्ज नहीं हो पा रहे।
शहर के असालतपुरा क्षेत्र में सबसे ज्यादा बिजली संकट है। यहां 24 घंटे में 10 घंटे भी वि़द्युतापूर्ति नहंी मिल पा रही है। इसको लेकर क्षेत्रवासियों में जबरदस्त आक्रोश है। प्रदेश सरकार की सबका साथ सबका विकास वाली छवि को मुरादाबाद का बिजली विभाग धूमिल करने में लगा है। हालांकि बिजली अधिकारी अंधाधुंध बिजली कटौती का ठीकरा बिजली चोरो के सिर फोड़ रहे है। मगर बिजली चोरी क्यूं नहीं रोक पा रहे इसका जवाब किसी अधिकारी के पास नहीं है। जबकि एक हकीकत यह भी है कि हर फीडर में बिजली घर पर तैनात कुछ भ्रष्ट कर्मचारी अपनी जेबे भरने के लिए बिजली चोरों से हमसाज होकर बिजली चोरी कराने में लगे है। शहर में अनेको ऐसे कारखाने हैं जहां भ्रष्ट कर्मचारियो की सांठ गांठ से कम रीडिंग दर्शायी जा रही है। अगर इन कारखानों का लोड चेक हो तो सारी असलियत सामने आ जायेगी। इन कारखानों से बिजली कर्मचारियो के महीने बंधे हुए है। यदि उच्च स्तरीय गोपनीय जांच कराई जाये तो महानगर में एक-दो बिजलीघरों को छोड़कर अधिकतर पर तैनात जेई अपनी जेबे भरने में मस्त है। इन जेई ने जितने बिजली चोरो को पकड़ा है इसमें चंद के खिलाफ ही एफआईआर हो पाई जबकि कुछ के शमन शुल्क जमा कराये गये और यदि जांच कराई जाये तो भारी तादाद में बिजली चोरों को पकड़ा गया था। लेकिन उनसे कैसे सांठ गांठ की गई यह गोपनीय जांच में ही सामने आ सकता है। रात्रि में 4 बजे से बड़े पैमाने पर जोर शोर से चेकिंग की गयी और बिजली चोरो को भी पकड़ा गया।