फिल्म के एक शुरुआती सीन में मिस्टर वाडिया आयुष ( करण कुंद्रा) को समझाते हैं कि तुम्हें जो मिल गया उसमें खुश मत हो। कुछ ऐसा ही हाल 1920 फ्रैंचाइजी की चैथी फिल्म 1921 के निर्माता और निर्देशक विक्रम भट्ट का भी है। विक्रम की 1920 को पसंद किया गया था, लेकिन वह उससे खुश नहीं हुए और इस सीरीज की चैथी फिल्म तक आ गए। फिर भले ही इसके लिए उन्हें बेसिर-पैर की कहानी पर फिल्म बनानी पड़ी।
फिल्म आयुष की कहानी है, जो कि एक पियानो आर्टिस्ट है। जैसा कि नाम से ही पता लग रहा है कि फिल्म 1921 की कहानी है। मिस्टर वाडिया आयुष को अपने ब्रिटेन स्थित घर का केयरटेकर बना कर भेजते हैं। वहां आकर आयुष के साथ उस मकान में कुछ अजीब घटनाएं होती हैं। उनसे छुटकारा पाने के लिए आयुष, रोज (जरीन खान) से मिलता है, जो कि एक अनाथ लड़की है और आयुष की फैन भी। रोज रूहों को देख सकती है। आयुष को चाहने की वजह से रोज उसकी मदद करने का फैसला करती है। उसके बाद कुछ ऐसा होता है कि चीजें आयुष और रोज दोनों की जिन्दगी पर हावी हो जाती हैं। क्या रोज अपने आशिक आयुष को इस मुसीबत से बाहर निकाल पाती है, यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
करण कुंद्रा ने फिल्म में रूटीन ऐक्टिंग की है, तो जरीन ने भी । कई बार इनकी ओवर ऐक्टिंग के चलते दर्शक डरने की बजाय हंसने लगते हैं। वहीं हॉट सीन्स की चाहत में सिनेमा पहुंचे दर्शक भी निराश नजर आते हैं, क्योंकि फिल्म में ऐसे सीन कम ही हैं। अपनी पिछली फिल्म अक्सर 2 के डायरेक्टर पर बिना वजह हॉट सीन शूट कराने का इल्जाम लगाने वाली जरीन ने शायद इस बार पूरी सावधानी रखी है।
हालांकि फिल्म को लंदन तो विक्रम पिछली बार 1920 लंदन में ही ले आए थे, लेकिन अबकी बार पूरी तरह कहानी अंग्रेजी हो गई है और भूत से निपटने के लिए भी विक्रम ने हनुमान चालीसा की बजाय जीसस का सहारा लिया है। कहानी को मॉडर्न बनाने की चाहत में विक्रम ने कहानी को इतना उलझा दिया कि कई बार दर्शक भी उलझ कर रह जाते हैं। इंटरवल तक तो फिर भी कहानी ठीक चलती है, लेकिन उसके बाद ढेर सारे रहस्य सामने आते हैं और दर्शक उनकी कड़ियां जोड़ते रहते हैं। इससे फिल्म भी लंबी हो गई है। बावजूद इसके मॉर्निंग शोज में खासी भीड़ इस बात का संकेत देती है कि दर्शकों में हॉरर फिल्मों का क्रेज अभी भी बाकी है। इसलिए अगर आप भी हॉरर फिल्मों के शौकीन हैं, तो यह फिल्म देख सकते हैं।