भाई वाह! किस्मत हो तो ऐसी, बिना एक भी मैच खेले ये खिलाड़ी बने चैंपियंस ट्रॉफी के विजेता
टीम इंडिया ने केवल 12 खिलाड़ियों से ही पूरी चैंपियंस ट्रॉफी जीत ली। तीन खिलाड़ी तो पूरे टूर्नामेंट में बाहर ही बैठे रहे, इसके बाद भी वे चैंपियन कहे जाएंगे।
टीम इंडिया इस वक्त जिस तरह का क्रिकेट खेल रही है, वो शायद पहले कभी ही दिखा हो। सामने कोई भी टीम हो, भारत जीत दर्ज करने में कतई पीछे नहीं रही। हर मैच को उतनी ही महत्ता से खेला गया, जैसे कि ये आखिरी मुकाबला हो। यही वजह है कि एक के बाद एक मैच जीतते हुए टीम इंडिया ने फाइनल तक का सफर तय किया और फिर न्यूजीलैंड को पीटकर चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की विजेता भी बन गई। लेकिन इस बीच टीम इंडिया के तीन खिलाड़ी ऐसे भी रहे, जिन्होंने एक भी मैच नहीं खेला, लेकिन इसके बाद वे चैंपियंस ट्रॉफी के विजेता बन गए। इसे किस्मत ही कहेंगे। हालांकि ये नहीं भूलना चाहिए कि वे तीन खिलाड़ी भले कोई मैच ना खेले हों, लेकिन उनकी भी काफी महत्वपूर्ण भूमिका रही। टीम इंडिया के स्क्वाड में किया गया था बदलाव
चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए जब बीसीसीआई ने टीम इंडिया के स्क्वाड का ऐलान किया था, तब टीम में 15 खिलाड़ी थे। हालांकि बाद में इसमें बदलाव किया गया। पहले जसप्रीत बुमराह टीम में थे, लेकिन बाद में जब वे ठीक नहीं हुए तो उनकी जगह हर्षित राणा की टीम इंडिया में अचानक से एंट्री हो गई। वहीं यशस्वी जायसवाल को बाहर कर वरुण चक्रवर्ती को टीम में जगह दी गई। इसके बाद भी खिलाड़ियों की संख्या 15 ही रही। टीम इंडिया ने पूरी चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान 5 मैच खेले और इस दौरान केवल 12 ही खिलाड़ियों को प्लेइंग इलेवन में मौका मिला। यानी तीन खिलाड़ी एक भी मैच नहीं खेल पाए।
ऋषभ पंत, यशस्वी जायसवाल और अर्शदीप नहीं खेल पाए एक भी मैच
जिन खिलाड़ियों ने एक भी मैच इस चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान नहीं खेला, उसमें ऋषभ पंत, वॉशिंगटन सुंदर और अर्शदीप सिंह रहे। उन्हें एक भी मैच की प्लेइंग इलेवन में मौका नहीं मिला। दरअसल भारत ने अपने स्क्वाड में पांच स्पिनर्स को मौका दिया था। इसमें से वरुण चक्रवर्ती, कुलदीप यादव, रवींद्र जडेजा और अक्षर पटेल खेले। उन्होंने इतना कमाल का खेल दिखाया कि सुंदर की किसी को जरूर ही नहीं पड़ी। वहीं विकेट कीपर बल्लेबाज के तौर पहले ही मैच में केएल राहुल को मौका दिया गया। उन्होंने भी अच्छा खेल दिखाया, इसके बाद टीम ने इसमें बदलाव की जरूरत ही महसूस नहीं की। तेज गेंदबाजों के लिए ज्यादा मौके दुबई की पिच नहीं थे। इसलिए शुरुआती मैच खेलकर हर्षित राणा भी प्लेइंग इलेवन से बाहर हो गए। अर्शदीप के खेलने की तो बारी ही नहीं आई। स्पेशलिस्ट तेज गेंदबाज के तौर भारत की पहली पसंद मोहम्मद शमी ही रहे। मोहम्मद शमी ने लगने ही नहीं दिया कि इस टूर्नामेंट में जसप्रीत बुमराह नहीं खेल रहे हैं।