जब मुजफ्फरपुर में क्रांति ले आई थीं सुषमा स्वराज

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जब मुजफ्फरपुर में क्रांति ले आई थीं सुषमा स्वराज, पढ़ें 5 राज्यों से संसद पहुंचने वाली नेता के किस्से
सुषमा स्वराज हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद रहीं। वहीं, मध्य प्रदेश की विदिशा और दिल्ली की दक्षिण दिल्ली सीट से वह लोकसभा सांसद भी बनीं।
भारत की पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1952 में हरियाणा के अंबाला में हुआ था। हालांकि, वह राजनीति में राष्ट्रीय स्तर पर ज्यादा सक्रिय रहीं। उन्होंने दिल्ली से लेकर विदिशा तक लोकसभा चुनाव जीते। इसके अलावा हरियाणा से वह कई बार विधायक भी बनीं। सुषमा स्वराज को देश की सबसे मजबूत महिला नेताओं में शामिल किया जाता है। यहां हम उनके जीवन से जुड़े कुछ खास किस्से सुना रहे हैं।सुषमा स्वराज के पिता राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का हिस्सा थे। ऐसे में वह भी बचपन से ही संग से जुड़ी हुई थीं। छात्र नेता के रूप में उन्होंने अपनी पहचान एक मुखर वक्ता के रूप में बनाई। इसके बाद वह लोकप्रिय होती चली गईं। एक समय पर वह अटल बिहारी के वाजपेयी के बाद दूसरी सबसे लोकप्रिय नेता भी बन गईं। हालांकि, इसकी शुरुआत आपातकाल के दौरान मुजफ्फरपुर में हुई थी।सुषमा स्वराज को युवा नेता के रूप में जॉर्ज फर्नांडिस को जीत दिलाने की जिम्मेदारी मिली थी। सुषमा के पति स्वराज कौशल बड़ौदा डायनामाइट केस में समाजवादी नेता जॉर्ज फर्नांडिस के वकील थे। यहीं से सुषमा उनकी डिफेंस टीम में आईं। 1976 में जॉर्ज को मुजफ्फरपुर जेल में रखा गया तो उन्होंने वहीं से चुनाव लड़ने का फैसला किया। ऐसे में सुषमा ने उनके प्रचार की जिम्मेदारी संभाली। वह जेल में बंद जॉर्ज के फोटो लेकर प्रचार करती थीं। उन्होंने ‘जेल का ताला टूटेगा, जॉर्ज हमारा छूटेगा’ का नारा दिया और जेल में बंद जॉर्ज चुनाव जीत गए। इसके बाद एक नेता के रूप में सुषमा की अलग छवि बनी।
1977 में सुषमा पहली बार विधायक बनीं और मात्र 25 साल की उम्र में उन्हें श्रम मंत्री बना दिया गया। दो साल बाद वह हरियाणा जनता पार्टी की अध्यक्ष बनीं और 80 के दशक में बीजेपी में शामिल हो गईं। 1190 में सुषमा को राज्यसभा भेजा गया और 1996 में दक्षिण दिल्ली से सांसद बनने वाली सुषमा को सूचना प्रसारण मंत्रालय दे दिया गया। सुषमा ने 13 दिन की सरकार में ही संसद की बहस का लाइव प्रसारण शुरू कराया, जो आज भी जारी है। अगले कार्यकाल में सुषमा ने बॉलीवुड को इंडस्ट्री का दर्जा दिया। इससे फिल्म बनाने वाले लोगों को लोन मिलने का रास्ता खुल गया और बॉलीवुड में आम लोगों के लिए भी रास्ता आसान हो गया।सुषमा स्वराज कुल सात बार सांसद बनीं। चार बार उन्हें बीजेपी की तरफ से राज्यसभा भेजा गया और तीन बार वह लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंची। सुषमा को हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद बनाया गया। वहीं, दिल्ली की दक्षिण दिल्ली सीट से वह लोकसभा सांसद बनीं। वह मध्य प्रदेश की विदिशा सीट से भी दो बार सांसद बनीं। हालांकि, कर्नाटक में सोनिया गांधी के खिलाफ उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। वह हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और दिल्ली से संसद पहुंची थीं।