झांसी: बर्बाद फसलों का सर्वेक्षण करने जैसे-तैसे पहुंचे अधिकारी, नुकसान का दे रहे सिर्फ 32 प्रतिशत
झांसी में हुई भारी बारिश और ओलावृष्टि के कारण किसानों की फसलें बर्बाद हो गईं। सीएम योगी के आदेश के बाद अधिकारी सर्वेक्षण के लिए तो पहुंचे लेकिन किसानों के फसल के कुल नुकसान का सिर्फ 32 से 33% ही देने की बात कर रहे हैं।
झांसी में हुई ओलावृष्टि ने किसानों की फसल चौपट कर दी है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सभी लोग अपने-अपने क्षेत्र में हुई फसल के नुकसान का सर्वे कर किसानों तक उनकी फसल का मुआवजा पहुंचाए। इसके बाद अधिकारी जगह-जगह सर्वे करने पहुंचे। लेकिन कहीं-कहीं अभी तक अधिकारी किसानों के पास नहीं गए हैं। इसी क्रम में झांसी के ग्राम इमलिया में अधिकारी ओलावृष्टि और आंधी में खराब हुई फसल का आकलन करने पहुंचे थे। लेकिन किसानों ने बताया कि सर्वेक्षण के बाद अधिकारी उन्हें फसल के कुल नुकसान का सिर्फ 32 से 33% देने की बात कर रहे हैं। इतने में उनका कैसे गुजारा हो पाएगा।
इस दौरान किसान संदीप यादव ने बताया कि उसने किसान क्रेडिट कार्ड से पैसा उधार लिया था लेकिन ओलावृष्टि से पूरी फसल नष्ट हो गई है। अब उन रुपयों को कैसे भरेंगे। पांच एकड़ की पूरी फसल आंधी ओलावृष्टि से नष्ट हो गई है। ना तो हमारे यहां कोई अभी तक सर्वे करने आया है। सरकार से आशा है कि सर्वे करने के बाद जो पैसा मिलेगा उस क्रेडिट कार्ड का रूपया भर जाए। वहीं एक दूसरे किसान शेरसिंह यादव ने बताया कि ओलावृष्टि और बारिश से किसान बर्बाद हो गया है। हमारा भरण पोषण इसी खेती से होता है। अब बच्चों को कैसे पढ़ाएंगे। अभी तक मेरे पास कोई सरकार का आदमी नहीं आया है। मेरा 8 एकड़ का खेत है, जिसमें गेहूं लगाया था। मेरे खेत में फसल का 75% नुकसान हो गया है। सरकार से निवेदन है कि नुकसान की भरपाई की जाए।वहीं एक और महिला किसान विमला ने बताया कि बारिश और ओलावृष्टि से पूरी फसल चौपट हो गई है। मेरे बेटे की अगले महीने शादी थी। अब कैसे शादी होगी। किसी से कर्जा लेकर बेटे की शादी करूंगी। एक दूसरी महिला किसान रोते हुए भगवान को कोसने लगी और बताने लगी कि खेत में लगा चनाऔ र गेहूं पूरी तरह नष्ट हो गया है। सरकार से निवेदन है की भरपाई करें तो बच्चों को पाला जाए।
झांसी में बिन मौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण फसलों की हुई बर्बादी के चलते दर्जनों किसानों के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने किसानों के साथ जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने किसानों की बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा दिए जाने की मांग की। पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने बताया कि रवि की फसल से किसानों का घर चलता है। अचानक हुई ओलावृष्टि के कारण किसानों का बजट बिगड़ गया। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी ने आश्वासन दिया है कि अधिकारी मौके का सर्वे कर पीड़ित किसानों को 100 प्रतिशत मुआवजा देंगे। उनकी मांग है कि 50 हजार प्रति हेक्टेयर किसानों के खाते में मिलना चाहिए और इस दौरान कोई अवैध वसूली भी नहीं होनी चाहिए।